अखिलेश की अपील: सपा को जिताओ

 

लखनऊ। यूपी में हो रहे निकाय चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनके परिणाम सन् 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी संकेत होंगे। प्रदेश में सभी 66 निकायों, 16 नगर निगमों, 202 नगर पालिका परिषदों तथा 438 नगर पंचायतों में सभासद, पार्षद अध्यक्ष तथा महापौर पद के चुनावों में मतदाताओं को तय करना है कि वे समाजवादी सरकार के उत्तम विकास कार्यों तथा जनकल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाना चाहेंगे अथवा भाजपा की विकास विरोधी नीतियों को फलने-फूलने देंगे। समाजवादी पार्टी का विश्वसनीय रिकार्ड है कि उसने जो वादे किए उन्हें पूरा किया। शहरों के विकास को गति दी। जबकि भाजपा ने अपने अब तक के कार्यकाल में न तो एक भी चुनावी वादा पूरा किया है और नहीं जनहित की कोई योजना चालू की हैं। वह सिर्फ नफरत फैलाने और समाज को बांटने का काम ही करती रही है। समाजवादी सरकार में कानपुर, वाराणसी, वृन्दावन, मथुरा, अयोध्या, इलाहाबाद, आगरा, गाजियाबाद में कई बड़ी विकास योजनाओं को पूर्ण कराकर शहरों में सुविधाएं विकसित की गई। लखनऊ में 375 एकड़ के बड़े जनेश्वर मिश्र पार्क, जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र एवं गोमती के किनारे रिवरफ्रंट निर्माण जैसे शानदार कार्य कराया गया। लखनऊ से दिल्ली की यात्रा सुगम बनाने के लिए 302 किमी. की लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे, अमौसी एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक मेट्रो रेल सेवा चारबाग तक चालू, शेष निर्माणधीन, ईमामबाड़ा घंटाघर, शाहीतालाब, पिक्चर गैलरी एवं टीलेवाली मस्जिद का जीर्णोद्धार, विधानसभा सचिवालय के नए लोकभवन का निर्माण, कुकरैल वन का विस्तार, सडक़ो का चैड़ीकरण, गलियों में सीसी रोड का निर्माण, शहरों में साइकिल ट्रैक, 6 रेलवे ओवरब्रिज, अमूल दुग्ध तथा पराग दुग्ध प्लांट का निर्माण, आधुनिक सुविधायुक्त दो बस स्टेशन-कैसरबाग तथा आलमबाग, पुलिस मुख्यालय भवन, यूपी 100 के पुलिस भवन का निर्माण, टिकैतनगर के पुराने तालाब का जीर्णोद्धार, चकगंजरिया में आईटी हब, साईकिल ट्रैक का निर्माण ये सब समाजवादी सरकार के समय ही हुए।स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए समाजवादी सरकार ने गोमतीनगर में डा0 लोहिया संयुक्त चिकित्सालय एवं शोध संस्थान, किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में शताब्दी अस्पताल एवं लखनऊ के पीजीआई में कई अतिरिक्त भवन, शहीद पथ पर 200 बेड का बाल चिकित्सालय, तथा चक गंजरिया में कैंसर इंस्टीट्यूट का निर्माण कार्य भी हुआ। प्रदूषण के कारण लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी में धुंध और धुएं का प्रकोप रहा। डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के चलते मौंते हुई। गोरखपुर में सैकड़ों बच्चे दवा और आक्सीजन की कमी से मस्तिष्कज्वर के प्रकोप से जान गंवा बैठे। लेकिन केन्द्र और यूपी सरकार इन समस्याओं की सुध नहीं ले रही हैं। अपराधी बेखौफ हैं। हत्या, लूट, अपहरण की घटनाएं बढ़ी है। महिलाएं असुरक्षित हैं। बच्चियों तक से बलात्कार हो रहा है।
समाजवादी सरकार ने 16 लाख छात्र-छात्राओं को लैपटाप देने के साथ 108 व 102 एम्बुलेन्स सेवा, 1090 वूमेन पावर, 100 यू0पी0 पुलिस सेवा, किसानों के लिए कृषक दुर्घटना बीमा योजना, मुफ्त सिंचाई, 5 वर्ष के कार्यकाल में विद्युत उत्पादन की क्षमता 8500 मेगावाट से बढ़ाकर 16500 मेगावाट की गई जिससे शहरों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली उपलब्ध कराई गई।