आखिर 16 साल बाद पूरा हुआ वाजपेयी का सपना, बना इतिहास

train-558db5f0e0373_exlstसोलह साल के लंबे अरसे के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना पूरा हुआ। शुक्रवार का दिन भांडई-उदी ट्रैक पर मालगाड़ी के दौड़ते ही इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। पहली बार गांव से होकर गुजरी ट्रेन को देखने वालों का हुजूम लग गया। जहां से भी ट्रेन गुजरी आसपास के गांवों में उत्सव सा माहौल हो गया।

इटावा से सुबह 9:45 बजे 60 डिब्बों की 12171 एमजेपीजे स्पेशल चली, जो भांडई (आगरा) पर 14.50 बजे पहुंच गई। इटावा से आगरा तक के 112 किमी लंबे सफर को तय करने में मालगाड़ी ने 4.5 घंटे का समय लिया। इस गाड़ी को लोको पायलट आनंद श्रीवास्तव और एनके� गोस्वामी लेकर आए।

मालगाड़ी के इंजन (लोको) में लोको पायलट के अलावा यातायात निरीक्षक, लोको निरीक्षक एवं पथ-वे निरीक्षक भी मौजूद रहे। वे ट्रैक का मुआयना करते हुए आए। गुड्स ट्रेन के संचालन की खबर लगते ही आसपास के गांवों के लोग मानसिंह पुरा, जैतपुर, बाह, बिजकौली, फतेहाबाद, शमसाबाद के स्टेशनों पर पहुंच गये। बाह स्टेशन पर ट्रेन व रेलवे स्टाफ का स्वागत सत्य प्रकाश उपाध्याय के नेतृत्व में किया गया। स्वागत करने वालों में लटूरी सिंह, हरे लाल, हीरालाल, मानिक चंद्र, नरेश वर्मा आदि शामिल रहे।

बटेश्वर रेल लाइन पर भले ही गुड्स ट्रेन का संचालन शुरू हो गया है। मगर, संसाधनों की कमी के कारण पैसेंजर ट्रेन के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। रेलवे स्टेशनों पर न तो पेयजल का इंतजाम है और ना ही बैठने का। ट्रैक में भी खामियां हैं।

गौरतलब है कि 1939 में अंग्रेजों द्वारा उखाड़ी गई रेल लाइन को अस्तित्व में लाने की आधारशिला अप्रैल 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी। लेकिन रेल लाइन शुरू में 16 साल लग गए।

कैबिनेट मंत्री अरिदमन सिंह ने बताया कि उनके 1999 में किये गये प्रयास फलीभूत हुए हैं। क्षेत्र के लिए खुश खबरी है। लोको पायलट आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि यह खुशी का मौका है, नए ट्रैक पर गाड़ी चलाने का मौका मिला। यह एतिहासिक पल हैं। रेलवे ने लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए सेवा शुरू की है। एनके गोस्वामी ने कहा कि हर एतिहासिक काम पर खुशी मिलती है। यह मौका हमें दिया गया है। अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।