महाराष्ट्र में अंधेर: करोड़ों की खरीदी जायेंगी कार

मुंबई। एक कहावत है कि रोम जल रहा था और नीरो बंसी बचा रहा था। कुछ ऐसा ही हो रहा है मराठा राज्य में। एक तरफ किसान आत्महत्या कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर बीजेपी की अगुवाई वाली राज्य महाराष्ट्र में सरकार ने जिला यात्राओं पर वीआईपी द्वारा इस्तेमाल किए जाने के लिए 5.8 करोड़ रुपये से ज्यादा की 30 कारें खरीदने का फैसला किया है। राज्य 4.6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ऋण में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक उच्च स्तरीय समिति ने वीआईपी लोगों के लिए उपलब्ध वाहनों की समीक्षा की और 15 जिलों के लिए 30 वाहन खरीदने का फैसला किया गया। पांच कारों को पुणे कलेक्टर के पास रखा जाएगा, वहीं नासिक और अहमदनगर के लिए तीन-तीन कारें होंगी। बाकी कारों को 12 जिलों के कलेक्टरों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा, बड़े पैमाने पर, इन वाहनों को कैबिनेट के सदस्यों और वीआईपी लोगों को जिलों के अपने सरकारी दौरे के दौरान दिया जाता है। कारों की खरीद को सही ठहराते हुए अधिकारी ने बताया कि जिला कलेक्टरों में बड़ी संख्या में वाहन चलने की स्थिति में नहीं थे। उन्हें मरम्मत की जरूरत थी और इसमें काफी खर्च आता। ऐसे में यह महसूस किया गया कि पुराने वाहनों की मरम्मत के बजाय विभाग को नए वाहन खरीदने चाहिए। वहीं कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि जिस वक्त राज्य 4.6 लाख करोड़ के कर्ज में है, उस वक्त नई कारों की खरीद की क्या आवश्यकता थी? कांग्रेस ने इसे सरकारी खजाने का दुरुपयोग बताया है।