अधिकारियों को गांवों में करना होगा रात्रि निवास: मुख्य सचिव

Alok ranjan sc 5

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों को नियत तिथि में निरीक्षण और गांवों में रात्रि निवास न किये जाने पर नाराजगी जतायी है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि निर्धारित तिथि पर निरीक्षणों में अनिवार्य रूप से ग्राम में पहुंचकर ग्राम में ही रात्रि निवास करना होगा। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के भ्रमण कार्यक्रम का नियत तिथि से पूर्व व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जाये तथा क्षेत्रीय कर्मचारियों, जन-प्रतिनिधियों आदि को भी सूचित किया जाये, ताकि अधिक से अधिक लोग अपनी समस्याओं का निस्तारण मौके पर करा सकें। उन्होंने कहा कि भ्रमण के दौरान सम्बन्धित जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि अधीनस्थ कर्मचारी समस्त अभिलेखों के साथ अवश्य उपस्थित रहें। मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि रात्रि निवास के दौरान अधिकारियों द्वारा शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना जैसे-समाजवादी पेंशन, लोहिया आवास, जनेश्वर मिश्र योजना आदि का सत्यापन किया जाये एवं जन सामान्य से फीड बैक भी प्राप्त किया जाये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मिशन क्लीन यूपी, ग्रीन यूपी के अन्तर्गत ग्रामीणों को स्वच्छता का संदेश दिया जाये एवं उन्हें शौचालयों के प्रयोग एवं निर्माण हेतु प्रेरित किया जाये। साथ ही पुलिस थानों, विद्यालयों तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों का भी निरीक्षण किया जाये एवं जनशिकायतों की सुनवाई की जाये। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से जिलाधिकारियों की शीतकालीन भ्रमण के लिए 60 दिन की अवधि निर्धारित है, यदि अपरिहार्य कारणों से स्वयं उक्त अवधि तक भ्रमण न कर सके तो न्यूनतम 45 दिन का भ्रमण तथा रात्रि निवास अवश्य करें तथा शेष 15 दिन का भ्रमण कार्य व रात्रि निवास अपर जिलाधिकारियों द्वारा किया जाये। उन्होंने कहा कि उपजिलाधिकारी तथा तहसीलदार के दौरे की अवधि 45 दिन तथा नायब तहसीलदार की अवधि 60 दिन की होगी।