अपने ड्रीम प्रोजेक्ट पर हिरासत में लिए गए अखिलेश यादव

नयी दिल्ली। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को उप्र की पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पुलिस की पक्षपातपूर्ण और उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के विरोध में औरैया जाते हुए हिरासत में लेने के बाद रिहा कर दिया। अखिलेश यादव को उन्नाव में रोक कर हिरासत में लेने की खबर से पूरे प्रदेश सपा समर्थक सड़क पर निकल पड़े। जगह-जगह धरना-प्रदर्शन होने लगे।
औरैया में जिला पंचायत अध्यक्ष के नामांकन के समय पुलिस ने सपा प्रत्याशी और उनके समर्थकों के साथ अभद्र व्यवहार किया और पूर्व सांसद प्रदीप यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनसे मिलने के लिए जाते समय एक्सप्रेस-वे पर उन्नाव की सीमा में अखिलेश यादव को औरैया जाने से रोक लिया गया। लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर पहले टोल प्लाजा पर भारी पुलिस बल ने पूर्वमुख्यमंत्री जी को रोका तो उनके साथ मौजूद सैकड़ों नौजवानों ने धरना देना शुरू कर दिया।
अखिलेश यादव ने रास्ते में अपने स्वागत में आए किसानों, बच्चों और गरीबों से उनका हाल चाल लिया। उन्होंने मटरिया गांव के किसानों से पूछा कि उनका कितना कर्ज माफ हुआ है? जवाब था एक पैसा भी माफ नहीं हुआ। प्राथमिक विद्यालय मटरिया के बच्चे जो स्कूली बस्ते लिए थे उन पर अखिलेश जी का ही चित्र थे। गांव में कच्चे घर थे और लोग नंगे बदन थे। मटरिया गांव के लोग कच्छा पहने थे। अखिलेश जी ने कहा यही डिजिटल इंडिया है।
अखिलेश यादव के हिरासत में लिये जाने की खबर लगते ही कानपुर में प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल, आगरा में पूर्व सांसद श्रीराम जी लाल सुमन ने धरना प्रदर्शन किया। विधायक अमिताभ बाजपेयी, संजय लाठर (एमएलसी) की गिरफ्तारी हुई।
लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, शाहजहांपुर, आजमगढ़, कन्नौज, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, नोएडा, रायबरेली, चन्दौली, गाजीपुर, संतकबीरनगर, में हजारों पार्टी कार्यकर्Ÿााओं ने धरना प्रदर्शन किया।
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