अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मजाक बना- सपा

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लखनऊ मार्च, समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता  राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि संविधान की दुहाई देने वाले कुछ लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मजाक बना रहे हैं। उनके पास समाज को देने के लिए न तो कोई विचार है और न ही उन्हें लोक मर्यादा का ध्यान रहता है। इसमें भाजपा के कुछ नेताओं का रवैया तो बहुत ही आपत्तिजनक दिखाई देता है। समाजवादी सरकार विकास के एजेंडा पर काम कर रही है और तमाम जनहित की परियोजनांए लागू की गई है। इनकी अनदेखी कर भाजपाई सिर्फ विरोध की नकारात्मक राजनीति करते हैं।
          भाजपा के कुछ ऐसे बड़बोले है जो केन्द्र में मंत्री बना दिए गये हैं। उन्हें आरएसएस ने कोई संस्कार नही सिखाया जबकि दावा यही किया जाता है कि संघशाखा में नैतिक संस्कार भी सिखाए जाते हैं। वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बारे में बचकानी बात कहते रहते हैं। देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रति कैसा शिश्टाचार दिखाना चाहिए जिस मंत्री को यह भी नही आता हो उससे क्या आशा की जा सकती है कि वह लोकतंत्र में लोकलाज समझ पायेगा।
          उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार के विरोध में जो बयानबाजी हो रही है उसका कोई औचत्यि नही है। इस राज्य से 71 भाजपा सांसद निर्वाचित है और केन्द्र में दर्जन भर मंत्री है। लेकिन चाहे ओलावृष्टि से किसान तबाह हों अथवा जनहित की योजनांए हों, भाजपा के सांसद मंत्री कभी उनके बारे में आवाज नही उठाते। प्रदेश में कानून व्यवस्था की बात जब भाजपा नेता उठाते है तो यह उपहास ही है। यहाँ का माहौल खराब करने की कोशिश तो वही करते रहे हैं। समाजवादी सरकार बनते ही मुजफ्फरनगर में भाजपा नेताओं ने ही सांप्रदायिकता एवं कांठ, मथुरा, अयोध्या में विवाद खड़े किये। अभी भी वे अपनी हरकतों से बाज नही आ रहे हैं। गड़े मुर्दे उखाड़कर या अफवाहबाजी के रास्ते प्रदेश में शांति व्यवस्था को ध्वस्त करने की साजिश रचते रहे हैं।
           भाजपा आरएसएस के हथकण्डे अगर सफल नही हो रहे हैं तो इसके पीछे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की दृढ़ता तथा प्रशासनिक कुशलता रही है। सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वालों के प्रति सख्ती बरती जाती है। निरपराध का बालबाँका नही लेकिन अपराधियों को कोई छूट नही, यही सिद्धान्त है जिस पर समाजवादी सरकार चल रही है। विधानसभा चुनाव आते देख जो भाजपा नेता अनर्गल और निराधार आरोप लगाते हैं, वस्तुतः वे समाजवादी सरकार के विकास कार्यो की शानदार सफलता और जनता में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की बढ़ती लोकप्रियता से चिढ़े हुए हताश और कुंठित लोग है।