अमेठी-रायबरेली पीके की नो इन्ट्री

pk and rahulअमृतांशु मिश्र ,
लखनऊ। यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से हायर किए गए रणनीतिकार प्रशांत किशोर को गांधी नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी रायबरेली से दूर रहने को कहा गया है । अमेठी ,रायबरेली से सटे सुलतानपुर से भी पीके को कांग्रेस आलाकमान ने अलग रहने का फरमान जारी कर दिया है। इस क्षेत्र के लोग अब काफी असमंजस में हैं कि आखिरकार पीके को इन इलाकों से दूर रहने के लिए क्यों कहा गया है। कांग्रेस कार्यकर्ता भी काफी परेशान हैं कि पीके को प्रभावित करने के लिए उन्होंने जो हथकंडे अपनाये थे वह बेकार हो गये हैं।
इन तीनों जिलों की यूनिट और प्रदेश कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि उन्हें इन तीन जिलों में पीके की सेवाओं की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल कहते हैं कि इन जिलों में प्रियंका गांधी खुद कैडर चुन रहीं हैं और उनकी मॉनिटरिंग भी कर रही हैं। यह राज्य के बाकी जिलों के लिए उदाहरण बन चुका है ।उन्होंनें कहा कि अमेठी ,रायबरेली में पार्टी के दो-दो कार्यालय हैं जहां पूरे जिले के लिए अच्छा काम हो रहा है। कार्यकर्ताओं को उनके काम का जिम्मा सौंप दिया गया है। पीके ने सभी जिलों से कम से कम 20 सक्रिय और कर्मठ कार्यकर्ताओं की सूची फोन नंबर समेत मांगी थी जिसे स्टेट यूनिट ने मुहैया करा दिया लेकिन इन तीन जिलों को इससे अलग रखा गया। अमेठी के कांग्रेस नेता आशुतोष मिश्रा ने कहा कि यहां कैडर ग्रासरूट लेवल तक है जिसे प्रियंका गांधी ने चुना है। वे खुद इसकी निगरानी कर रहीं हैं। यह केवल 20 लोगों के नाम की बात नहीं है। हम प्रत्येक विधानसभा सीट से 1000 नाम दे सकते हैं लेकिन उसकी यहां जरूरत नहीं है। मिश्रा ने कहा कि उन्हें न तो इस प्रकिया में शामिल होने को कहा गया और न इसकी जरूरत है। कार्यकर्ता पहले से ही प्रियंका की निगरानी में काम कर रहे हैं। ै।