अमेरिका ने 33 चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट

डेस्क। दुनिया की दो महाशक्तियों चीन और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने 33 चाइनीज कंपनियों और संस्थाओं को ट्रेड ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है। माना जा रहा है कि ड्रैगन भी अमेरिकी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करके जवाब दे सकता है।
अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट ने शनिवार को उस काली सूची को लंबा किया जिसमें शामिल कंपनियों और संस्थाओं को अमेरिकी टेक्नॉलजी और अन्य वस्तुओं के एक्सेस से रोका जाता है। इसने कहा है कि इनमें से 24 कंपनियां और यूनिवर्सिटीज के सेना के साथ संबंध थे और 9 संस्थाओं पर शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकर उल्लंघन के आरोप हैं। इस फैसले की जद में आए कुछ संगठनों ने अमेरिकी कदम की आलोचना की। वहीं, विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और चीन के बीच तनाव जाएगा। इंटरनेट सिक्यॉरिटी सॉफ्टवेयर की आपूर्ति करने वाली टेक्नॉलजी कंपनी ने कहा कि कहा कि इस कदम से कारोबार का राजनीतिकरण किया गया है।वीडियो रिकॉर्डर्स का उत्पादन करने वाली कंपनी नेटपोसा टेक्नॉलजीज ने कहा कि इस प्रतिबंध से उसके दैनिक कामकाज पर व्यापक असर नहीं होगा। साथ यह भी कहा कि यह सप्लाई चेन को लोक बनाने का काम जारी रखेगी। चीन के पूर्व वाणिज्य मंत्री और कूटनीतिज्ञ झाऊ शिआमिंग ने कहा, इस कदम से अमेरिका और चीन टेक्नॉलजी कंपनियों में 2.0 या 2.5 जंग की शुरुआत होगी। यह अंतिम नहीं है और ऐसा होगा।