अयोध्या की गतिविधियों पर यूपी सरकार की नजर

ayodhya 2 novलखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद की बढ़ती सक्रियता को लेकर सरकार सतर्क हो गयी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वहां पर मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का संज्ञान लिया है।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वहां पर कानून-व्यवस्था के साथ सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गृह को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस बीच अयोध्या की हलचल को लेकर अभिसूचना विभाग से खुफिया रिपोर्ट तलब की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को खराब करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। अयोध्या का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और सरकार कोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन करायेगी। उल्लेखनीय है कि राम जन्म भूमि ट्रस्ट के महंत नृत्य गोपाल दास के मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की घोषणा के बाद मुस्लिम धर्म गुरुओं में भी तीखी प्रतिक्रिया हुई है। अयोध्या के राम सेवक पुरम स्थित कार्यशाला में बड़े पत्थर तराशे जा रहे हैं। प्रतिक्रिया स्वरूप मुस्लिम धर्म गुरुओं ने शासन को चेतावनी दी है कि अगर पत्थर तराशने का कार्य बंद नहीं हुआ तो वे भी मस्जिद के लिए पत्थर तराशने का कार्य करेंगे।
सद्भाव बिगाडऩे वालों पर करें सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कल एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने अयोध्या के संदर्भ में एडीजी अभिसूचना जेएल त्रिपाठी से वार्ता की और वहां की गतिविधियों की संपूर्ण रिपोर्ट मांगी है। उधर आइजी कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणेश ने पत्रकारों को बताया कि फैजाबाद के एसपी क्षेत्रीय अभिसूचना को समग्र रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गयी है। रिपोर्ट आने के बाद शासन में उसकी समीक्षा की जायेगी। अयोध्या में किसी भी तरह के विवाद को हवा न मिले, एडीजी ने अफसरों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
कार्यशाला पर लगीं खुफिया निगाहें
फैजाबाद में न्यास कार्यशाला में परसों शिलापूजन के बाद रामनगरी के माहौल में सरगर्मी बढ़ रही है। 2007 के बाद पहला मौका है जब न्यास की कार्यशाला में शिलाएं आई हैं। इस गतिविधि पर बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाशिम अंसारी व पक्षकार हाजी महबूब की ओर से आपत्ति के बाद से खुफिया एजेंसियों ने गोपनीय ढंग से कार्यशाला की निगरानी बढ़ा दी है। इस मामले में एक रिपोर्ट भी जिलाधिकारी को भेजी गई है, हालांकि इस मुद्दे पर अधिकारी मुंह खोलने को कतई तैयार नहीं हैं।