अयोध्या में भूमि पूजन बनाम शिलान्यास

अयोध्या। राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम आने के बाद से संतों में एक राय नहीं बन पा रही है। कई संतों का कहना है कि जब एक बार शिलान्यास हो चुका है तो दुबारा क्यों हो रहा है। वैसे भी 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन को अशुभ माना जा रहा है। मालूम हो कि सन 1986 में फैजाबाद की एक अदालत ने विवादित स्थल को हिंदुओं की पूजा के लिए खोलने का आदेश दे दिया। इसके विरोध में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी गठित की गई। 09 नवंबर 1989 को प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विहिप को राम मंदिर के लिए शिलान्यास करने की अनुमति दी। इसके विश्व हिन्दू परिषद ने राम मंदिर निर्माण की मुहिम शुरू किया और 30 अक्टूबर 1990 को कारसेवा की तारीख तय किया। तब तक भारतीय जनता पार्टी भी विश्व हिन्दू परिषद के साथ राम मंदिर निर्माण की मुहिम में जुड़ चुकी थी। बहरहाल सोशल मीडिया पर भी पुरानी तस्वीरों को साझा करके एक नयी मुहिम छेड़ी गयी है।