आपरेशन यूपी: प्रियंका कर रही है ‘सच का सामना

अमृतांशु मिश्र, लखनऊ। रात के 2 बज रहे हैं लेकिन उप्र कांग्रेस कार्यालय नेहरू भवन में चहल पहल है, अलग अलग जिलों के करीब 200 कार्यकर्ता अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। प्रियंका गांधी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के कामकाज नया अध्यक्ष कौन हो सकता है कौन ज्यादा बेहतर होगा आपके क्षेत्र में लोकसभा का कौन उम्मीदवार हो सकता है , चुनाव कैसे लड़ा जाए संगठन कैसे मजबूत हो इस पर कार्यकर्ताओं की राय पूछ रही हैं ।बूथ कमेटी संगठन के ढांचे पर भी चर्चा कर रही हैं इस बात से हैरान देखें की प्रदेश कांग्रेस कमेटी की साइज जंबो है। नेहरू भवन के हॉल में जिलों के पदाधिकारी प्रियंका गांधी के सामने उप्र कांग्रेस के जिलों के पदाधिकारी खुद को बेहतर और दूसरों की पोल खोल रहे हैं। लखनऊ जिला कांग्रेस अध्यक्ष गौरव चौधरी को अपना बूथ नहीं पता था। प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी के पूछने पर जिला अध्यक्ष बगले झांकने लगे। पार्टी के लिए आखरी प्रोग्राम कब किया था के सवाल पर जिलाध्यक्ष ने कहा 1 साल पहले, प्रियंका ने तंज कसते हुए कहा कि ‘अब क्या लोकसभा चुनाव के बाद कार्यक्रम करोगे। बूथ कमेटियों के बारे में कई कार्यकर्ता को कुछ भी पता नही है। प्रियंका, लखनऊ के कार्यकर्ताओं से दो ग्रुप में मिली।
उप्र प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार से ‘आप्रेशन उप्र के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ ‘क्लास शुरू कर दी है। नेहरू भवन में जिलेवार पदाधिकारियों के साथ बैठक का कार्यक्रम बना है। प्रियंका की क्लास में नेताओं और उप्र कांग्रेस की कमजोरी की पोल खुल रही है। ‘सच का सामना प्रियंका के लिए भी हैरान करने वाला है। पदाधिकारियों की संगठन को लेकर लापरवाही और उदासीनता की पर्ते उधड़ गई है। बैठक में प्रियंका ने पदाधिकारियों से पिछले एक हफ्ते में किये गए दौरे की जानकारी मांगी तो नेता बंगले झांकने लगे। उन्हे अपने पोलिंग स्टेशन का नंबर और पिछले चुनाव में पार्टी को मिले मतों तक की जानकारी नही है।
सबसे पहले उन्नाव के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की उसके बाद लखनऊ के पदाधिकारियों की क्लास हुई। प्रियंका गांधी कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद किया। उनके क्षेत्र के नेताओं और पार्टी की गतिविधियों के साथ उनके सुझावों पर चर्चा की। गौरतलब है कि सोमवार को लखनऊ में 15 किमी लंबा रोड शो करने के बाद प्रियंका गांधी जयपुर चली गईं थी। जहां से मंगलवार को दोपहर लखनऊ पहुंचते ही आप्रेशन उप्र की मुहिम में जुट गईं। उनके साथ पश्चिमी उप्र के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी डटे हुए है।