आर्थिक तंगी से गुजर रही है भारतीय रेलवे

railwaysनेशनल डेस्क। 2016 के रेल बलट में रेलवे यात्रियों का किराया बढ़ा सकती है। इसका पहला कारण है रेलवे को 2015 में लक्ष्य से कम रेवेन्यू मिला और दूसरा सातवें वेतन आयोग के सिफारिशों के कारण रेलवे को सालाना 32,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। इतनी बड़ी राशि का प्रबंध हर साल करना रेल मंत्रालय के लिए टेढ़ी खीर बन सकता है। रेल मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के बीच यह चर्चा है कि यदि केन्द्र ने आर्थिक मदद न की तो क्या होगा। ऐसे में रेल मंत्रालय के पास एक ही विकल्प बचता है कि वह रेल किराया बढ़ाए। इसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ेगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि उम्मीद है अगले साल इन दोनों मुद्दों का समाधान कर लिया जाएगा। 10 दिसंबर 2015 तक रेलवे की आय पिछले साल के मुकाबले 6.67 प्रतिशत बढ़ी, लेकिन राजस्व लक्ष्य से कम मिला।रेलवे की आय 10 दिसंबर तक 8.8 प्रतिशत घटकर 1,11,834.32 करोड़ रुपए रही जबकि लक्ष्य 1,22,639.16 करोड़ रुपए था।रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि 2015 में इस्पात, सीमेंट, लौह अयस्क की मांग न होने के कारण राजस्व घटा। यही माल भाड़े के स्त्रोत हैं। इसलिए 2015 में लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कारण रेलवे को सालाना 32,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। रेलवे के लिए 32,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ असहनीय है।प्रभु ने कहा कि ये 2015 की दो बड़ी चुनौतियां हैं और मुझे उम्मीद है कि हम 2016 में इसका समाधान कर सकेंगे। वेतन आयोग पर हम वित्त मंत्रालय से बात करेंगे।हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि रेल मंत्रालय ने वेतन आयोग से बढऩे वाले बोझ के मद्देनजर अपनी चिंताओं से वित्त मंत्रालय को अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है।सुधार करने के रवैये के लिए मशहूर प्रभु ने रेल अधिकारियों को निविदा जारी करने समेत अधिकार प्रदान करने को पथ प्रदर्शक पहल और रेलवे में पारदर्शिता लाने के लिए की कोशिश करार दिया।उन्होंने बताया कि अब हम सभी टेंडरों को ई-निविदा मंच के तहत ला रहे हैं। हमने नियुक्ति, स्थानांतरण आदि भी पारदर्शी तरीके से करना शुरू किया है।उन्होंने कहा कि हमने नियुक्ति के लिए आनलाइन परीक्षा लेनी शुरू की है जिससे भ्रष्टाचार दूर होगा।बिहार के मधेपुरा और मरहोरा में 40,000 करोड़ रुपए की लोकोमोटिव परियोजना के साथ के साथ बड़े पैमाने पर रेलवे ने मेक-इन-इंडिया से जुड़ी बड़ी पहल है। प्रभु ने कहा कि इससे बिहार में रोजगार आएगा। यह भारत में नई प्रौद्योगिकी भी लाएगा।उन्होंने बताया कि जापान के साथ बुलेट ट्रेन पर भी समझौता हुआ है साथ ही रेलवे ने 2015 बजट में की गई 110 घोषणाओं पर अमल किया है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर उर्जा का परीक्षण हो रहा है वहीं उर्जा की बचत और उर्जा की लागत घटाने के लिए पहल की जा रही है।