उप्र में बाढ़ से बचाव के लिए सेना तैनात

नयी दिल्ली। पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ से बचाव के लिए सेना बुलायी गई है। करोड़ों गैलन पानी के साथ आक्रोशित नदियों के तांडव से हजारों गांव तबाह हो रहें है। लाखों लोग बेघर हो गए है। फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं है। नेपाल के एल्गिन डैम से गत छोड़ा गया पानी खतरा बना है। करीब एक दर्जन जिलों में सुरक्षित क्षेत्रों के लिए लगातार पलायन जारी है। पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ, एसएसबी बचाव राहत कार्य में लगी है। राशन पहुंचाने के लिए सेना के हेलीकाप्टर लगाए गए हैं। गोरखपुर जिले में भी स्थिति बिगडने पर सेना बुलाई गई है।
पूर्वी उप्र के बलरामपुर ,गोंडा, श्रावस्ती, बाराबंकी में बहराइच में डूबने से कई लोगों की मौत हो गई। अयोध्या में सरयू लाल निशान से 96 सेंटीमीटर ऊपर जा पहुंचीं। बहराइच में नानपारा, मिहींपुरवा, महसी, कैसरगंज तहसीलों में घाघरा का कहर जारी है। बाराबंकी में घाघरा नदी का पानी खतरे के निशान 106.07 से एक मीटर ऊपर बह रहा है। बाढ़ के पानी से तटवर्ती करीब डेढ़ सौ गांवों में पानी भरा है। बाढ़ क्षेत्र में एक बालक की सर्प दंश से तथा एक व्यक्ति की डूबकर मौत हो गई। लखीमपुर में बारिश के बाद उफनाई घाघरा व शारदा ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। श्रावस्ती में जमुनहा ब्लॉक के घुमना गांव में घर के आंगन में भरे पानी में डूबकर चार वर्षीय बालक की मौत हो गई। कटान तेज है। बलरामपुर में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई। अंबेडकरनगर में घाघरा का पानी टांडा तहसील और गांवों की ओर बढ़ रहा है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिले बाढ़ की चपेट में हैं। घाघरा, राप्ती, गोर्रा, रोहिन, घोंघी आदि नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं। कुशीनगर में कई जगह बांध टूटने व रिसाव के चलते गांव-कस्बों में पानी घुस गया है। मानीराम में सोनौली हाईवे डूबने से नेपाल, सिद्धार्थनगर और महराजगंज के कई हिस्से गोरखपुर से कट गए हैं। आवागमन बंद है। पूर्वांचल के बलिया में घाघरा का पानी अब गांवों में प्रवेश करने लगा है। आजमगढ़ में बाढ़ से महुला से लेकर हैदराबाद तक 25 गांव पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं।
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