उप्र में मंहगी बिजली खरीद पर आयोग मे सुनवाई रही हंगामेदार

uppclलखनऊ फरवरी। पावर एक्सचेंज पर सस्ती बिजली उपलब्ध होते हुये भी उप्र पावर कारपोरेशन द्वारा मंहगी बिजली खरीदने के मामले मेें उप्र नियामक आयोग सभागार में बुधवार को आयोग अध्यक्ष देश दीपक वर्मा, सदस्य गण आई बी पाण्डेय एवं एस के अग्रवाल, सचिव संजय श्रीवास्तव, निदेशक टैरिफ डा. अमित भार्गव, संयुक्त निदेशक अभिषेक श्रीवास्वत की उपस्थित में सम्पन्न हुई। जिसमें प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का पक्ष रखने के लिये आयोग द्वारा नामित प्रतिनिधि उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा व पावर कारपोरेशन के निदेशक एसएलडीसी राम स्वारथ एवं पावर कारपोरेशन के अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव मौजूद थे। आयोग द्वारा पावर कारपोरेशन को समय न दिये जाने व कड़े रूख को देखते हुए अन्तत: पावर कारपोरेशन ने बिजली खरीद के ब्यौरे का आधा अधूरा जवाब आयोग में दाखिल कर दिया गया। सुनवाई में आयोग ने पावर कारपोरेशन को लगायी कड़ी फटकार कहा सस्ती बिजली होते हुये मंहगी बिजली खरीद की नही दी जा सकती मंजूरी।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उन्होने पावर कारपोरेशन द्वारा दाखिल जवाब पर आपत्ति दाखिल करते हुए कहा कि श्रोतवार किस उत्पादन गृह व निजी घराने से वर्ष 2015.16 में कितनी बिजली खरीदी गयी और उसकी दर क्या थी। यह ऑंकड़े सही रूप में प्रस्तुत नही किये गये हैं। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पावर कारपोरेशन द्वारा सौंपे गये जवाब में बजाज एनर्जी से खरीदी जाने वाली बिजली की मार्च 2015, अप्रैल 2015 की दरों पर आपत्ति करते हुये कहा कि थर्मल बैकिंग चलते इन महिनों में बजाज के उत्पादन गृह कुन्धरी से जो बिजली पैदा हुयी है उसकी औसत दरें फिक्स कास्ट व एनर्जी चार्ज को मिलाकर मार्च में कुल 117 रूपये प्रति युनिट व अप्रैल में रूपये 12.6 प्रति यूनिट आ रही है। जो यह सिद्ध करता है कि प्रदेश की बिजली कम्पनियॉ किस तरीके से आयोग में आंकडें़ प्रस्तुत कर रही है। यह अपने आप में बड़ा सवाल है।
वर्ष 2016.17 में बिजली कम्पनियों द्वारा जो कुल बिजली खरीद प्रस्तावित है वह लगभग 125627 मिलियन यूनिट है जिसकी कुल लागत लगभग 49848 करोड़ है और जिसमें पावर एक्सचेंज व बाईलिट्रल से मात्र 217 मिलियन यूनिट बिजली खरीद प्रस्तावित है वहीं वर्ष 2015.16 में पावर एक्सचेंज व बाईलिट्रल से बिजली कम्पनियों द्वारा लगभग 4940 मिलियन यूनिट बिजली खरीद की गयी थी। ऐसे में लगातार पावर एक्सचेंज से सस्ती बिजली होते हुये भी बिजली की खरीद कम क्यो की जा रही है।
नियामक आयेाग अध्यक्ष देश दीपक वर्मा व सदस्यगण द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुये पावर कारपोरेशन को कडी फटकार लगाते हुये यह फैसला सुनाया गया कि पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य व मुख्य अभियन्ता 6 अप्रैल को बैठक में पूरा बिजली खरीद का ब्यौरा लेकर स्वयं उपस्थित हों पावर कारपोरेशन द्वारा जो आज आधा अधूरा जवाब दाखिल किया गया है उसपर उपभोक्ता परिषद को कोई आपत्ति हो तो उस पर अपनी आपत्तियॉंध्सुझाव 15 दिन के अन्दर आयोग को सौंप दें। पावर कारपोरेशन के अधिवक्ता व उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा आयेाग से यह निवेदन किया गया कि जल्द ही पूरा डाटा एकत्र कर आयोग को सौंपा जायेगा और आयोग को जो आदेश होगा वह सभी को मान्य होगा। जल्दबाजी में पूरा आंकडा एकत्रित नही हो पाया जो आगे सौंप दिया जायेगा।
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