कांग्रेस और द्रमुक मिलकर लड़ेंगे चुनाव

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चेन्नई। एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस और द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक ) ने तमिलनाडु विधानसभा के आगामी चुनाव मिलकर लडऩे की शनिवार को घोषणा की, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि कौन कितने सीटों पर लड़ेगा। बिहार चुनावों मेें महागठबंधन की भारी सफलता के बाद से ही कांग्रेस इस कोशिश में है कि जिन जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां विपक्षी मतों के बंटवारे को किसी तरह रोका जाए।
इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि तीन साल बाद ये दोनों पार्टियां फिर से एक साथ आ गई हैं। उल्लेखनीय है कि केन्द्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन काल के दौरान ये दोनों पार्टियां नौ साल साथ रहीं, लेकिन पिछले आम चुनावों से पहले श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर द्रमुक संप्रग से बाहर हो गया था। कांग्रेस ऐसा ही गठबंधन पश्चिम बंगाल में भी दोहराना चाहती है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ माक्र्सवादी पार्टी से हाथ मिलाने के प्रयास कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल ने द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि के निवास पर उनसे बातचीत के बाद गठबंधन पर मुहर लगा दी गई। लगभग आधे घंटे की बातचीत के बाद आजाद ने संवाददाताओं से किहा, हम और द्रमुक अगला विधान सभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे और यह सुनिश्चित करेेेेंगे कि प्रदेश में द्रमुक के नेतृत्व में सरकार बने। पिछला आम चुनाव दोनों पार्टियों ने अलग अलग लड़ा था और दोनों का ही सफाया हो गया था।
द्रमुक के कोषाध्यक्ष और करुणानिधि के पुत्र एम के स्टालिन ने भी संवाददाताओं से बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों दलों ने गठबंधन बनाने का फैसला किया है। आजाद और स्टालिन दोनों ने सीटों के बंटवारे पर पूछे गए सभी सवालों को टाल दिया। स्टालिन ने कहा कि इस बैठक में सीटों के बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई। आजाद का कहना था कि दोनों पार्टियों के बीच बातचीत के और भी दौर होंगे जिनमें इस मामले पर चर्चा की जाएगी।