नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के साथ मायावती की जुगलबंदी के बाद कांग्रेस मध्य प्रदेश और राजस्थान चुनाव में बीएसपी के बिना ही चुनाव में उतरने की तैयारी की है। इन आगामी विधानसभा चुनावों वाले राज्यों में पार्टी हाई कमान और स्थानीय लीडरशिप, दोनों ही ऐन मौके पर मायावती की साथ छोडऩे वाली राजनीति को लेकर अलर्ट हैं। कुछ कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी सावधानीपूर्वक कदम उठा रही छत्तीसगढ़ प्रकरण के बाद अब कांग्रेस लीडरशिप मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बीएसपी को साथ लेने की बजाय अकेले ही बढऩे की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि मायावती पर कई तरह के दबाव पड़े जिस वजह से उन्हें यह फैसला लेना पड़ा। कांग्रेस इसके पीछे तीन कारण गिना रही है। मायावती के भाई के पीछे कथित तौर पर सीबीआई और ईडी का लगना, बीएसपी में दलित बेस को बढ़ाने का संघर्ष और मायावती द्वारा हर चुनाव का इस्तेमाल कैडर को लेकर किए जाने वाले प्रयोग व फंड इक_ा करने की कोशिश को इसका कारण बताया जा रहा है।