किसानों का सरकार को अल्टीमेटम

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। आंदोलनकारी किसानों ने आज धरने के चौथे दिन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने किसानों का अपमान किया है । वह बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन नहीं करेंगे । किसानों ने कहा कि वह पूरी तैयारी के साथ दिल्ली आए हैं,उनके पास इतना राशन है कि वे चार-पांच महीने तक दिल्ली की सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
किसान संगठनों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो दिल्ली प्रवेश के पांच मुख्य रास्ते हैं जहां से दिल्ली में घुसा जा सकता है । उन्होंने कहा कि किसान पांचो पॉइंट को जाम कर दिल्ली की यातायात व्यवस्था को ठप कर देंगे। उन्होंने कहा कि उनके पास इतना राशन है कि 4 महीने सडक़ पर बैठकर वे विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
किसानों ने कहा कि सरकार ने उन पर व उनके नेताओं पर गलत आरोप लगाया है। इसके साथ ही किसानों ने कहा कि केंद्र तीनों कृषि कानूनों को वापस ले जिसके बाद वे खुद ही आंदोलन खत्म कर देंगे। वही मीटिंग के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बिना शर्त ही वे सरकार से बातचीत करेंगे।
किसानों ने कहा कि संगठनों की एक साझा संचालन समिति बनी है जो आगे की रणनीति पर फैसला लेगी। किसान संगठनों की बैठक में तय किया गया कि किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। किसानों ने कहा कि उनके आंदोलन को रोकने के लिए सरकार ने हर संभव कोशिश की। बैरिकेडिंग की ,गड्ढे खुदवाए, रास्ते पर ट्रक लगवाए लेकिन किसानों ने हर बाधा को पार करते हुए 27 तारीख को दिल्ली कुच किया । सरकार पर पूरी तरह से हमलावर किसानों ने कहा कि उन्होंने एक देश एक मंडी कहा और एक देश में दो मंडी कर दी। किसानों ने कहा कि एक मंडी एपीएमसी एक्ट के तहत बनी है वहीं दूसरी में कोई कानून ही नहीं है,कोई रोक टोक नहीं है। वंहा किसानों के अलावा कोई भी आ जा सकता है । किसानों ने सरकार पर उन्हें लूटने का आरोप लगाया। आपको यह तो ज्ञात ही होगा कि शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील की थी कि वे दिल्ली के बुराड़ी इलाके में अपना आंदोलन करें। सरकार भी उनसे बातचीत के लिए तैयार है हालांकि किसान नेताओं ने सरकार से बातचीत का प्रस्ताव खारिज कर दिया।