कोरोना की जंग में यूपीएल की बड़ी मदद: दिये 75 करोड़

लखनऊ। यूपीएल लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी फसल सुरक्षा उत्पाद निर्माता कम्पनी ने आज कोविड 19 के खिलाफ जंग में सरकार की सहायता के लिए पीएम-केयर्स फंड में 75 करोड़ रु. का योगदान दिया है।
यह हेल्थकेयर और सैनीटेशन के मोर्चे पर डटे भारतीय नायकों की सुरक्षा के लिए लगातार बड़ी संख्या में निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) प्रदान कर रहा है ताकि नोवेल कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कोई कमी नहीं रहे। कम्पनी ने गुजरात के वापी स्थित अपने दो शिक्षा संस्थानों – ज्ञान धाम स्कूल और सैंड्रा श्रॉफ रॉफेल कॉलेज ऑफ नर्सिंग के परिसर को क्वारंटीन सेंटर बनाने की जरूरी व्यवस्था कर ली है ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके।
यूपीएल लिमिटेड के सीईओ जय श्रॉफ ने कहा, ‘‘ये पूरी मानव जाति के लिए मुसीबत का समय है और हम राष्ट्र की सेवा और इस महत्वपूर्ण लड़ाई में अपने संसाधनों और विशेषज्ञताओं के साथ सहायता देने के लिए कृतसंकल्प हैं। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट संगठन के रूप में हम भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों की हर मुमकिन मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ यूपीएल इसके अतिरिक्त कोरोना वायरस को रोकने के लिए 200 आधुनिक यांत्रिक छिडक़ाव मशीनों (फाल्कन) और 225 सदस्यों का स्टाफ काम में संलग्न कर केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों के लिए पूरक की भूमिका निभा रही है। कम्पनी की टीमें अस्पतालों, सडक़ों, पुलिस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, नगर निगमों आदि विभिन्न सार्वजनिक और निजी स्थानों में संक्रमण नाशक का छिडक़ाव कर स्थानीय प्रशासन की सहायता में लगी है।
तुषार त्रिवेदी, प्रमुख, एएफएस, यूपीएल ने बताया, हमारा विश्वास है कि सार्वजनिक स्थानों को संक्रमण मुक्त रखना कोरोना वायरस फैलने से रोकने का सबसे अहम् प्रयास है। अधिकारियों की अपील पर हम ने अविलंब अपने संसाधनों को उपयोग के लिए तैयार किया और सरकार से प्राप्त सोडियम हाइपोक्लोराइड का सार्वजनिक स्थानों पर छिडक़ाव कर संक्रमण मुक्त किया। इसमें हम ने यांत्रिक छिडक़ाव वाहनों का उपयोग किया। कम्पनी अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्यों में 11.5 लाख लीटर कीटाणुनाशक घोल का छिडक़ाव कर चुकी है और सरकार के बताए अन्य राज्यों में भी छिडक़ाव करने के लिए तैयार है।