गाजियाबाद: कूड़े से बिजली बनाने की मशीन, बिन बिजली हुई कूड़ा

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। शहर को स्वच्छ बनाने के नाम पर जनता के टैक्स के पैसे को बर्बाद किया जा रहा है। नगर निगम ने 14वें वित्त आयोग के फंड से 90 लाख की कूड़े से खाद बनाने की मशीन तो खरीद ली लेकिन 12 लाख रुपए खर्च कर बिजली का कनेक्शन नहीं ले पा रहे हैं जिसकी वजह से करीब दस माह से यह मशीन धूल चाट रही है। नगर निगम के अधिकारी इस मशीन को मोरटा स्थित सेनेटरी लैंडफिल साइट पर लगा कर जनरेटर से ट्रायल भी कर चुके हैं लेकिन ट्रायल के बाद इसे फिर से बंद कर दिया गया है। नगर निगम ने करीब 10 माह पूर्व 14 वें वित्त आयोग के फंड से 90 लाख की यह मशीन खरीदी थी क्योंकि 14 वित्त वें आयोग के फंड के प्रस्ताव अधिकारी खुद ही तैयार करते हैं और अवस्थापना की बैठक में इस पर चर्चा होती है। ऐसे में अधिकारियों की ओर से इस मशीन को खरीदने की स्वीकृति नगर निगम बोर्ड से नहीं ली गई। निगम ने यह मशीन खरीदी और कई माह तक नगर निगम के गोदाम में खड़ी रही। इस मशीन की उपयोगिता को लेकर जब सवाल उठने लगे तो करीब 2 माह पूर्व नगर निगम ने 90 लाख की मशीन को मोरटा स्थित सेनेटरी लैंडफिल साइट पर लगा दिया। इसका ट्रायल कर यह संदेश दिए जाने की कोशिश की गई कि बस अब मशीन चलने ही वाली है और रोजाना 100 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण कर खाद बनाई जाने लगेगी लेकिन अप्रैल के कई माह बाद भी यह मशीन किसी शो पीस की तरह मोरटा लैंडफिल सोसायटी पर ही खड़ी गाजियाबाद की जनता को मुंह चिढ़ा रही है । इस तरह जनता के टैक्स का दुरुपयोग किया जा रहा है। अभी तक शहर के जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, सभासद या अन्य जागरूक नागरिक ने इस विषय में कोई विरोध दर्ज करने की शिकायत शासन प्रशासन को प्रेषित करने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।