छुट्टियों के मामले में यूपी देश में एक नंबर

up govtलखनऊ। यूपी सरकार की छुट्टियों की सूची में एक संख्या और जुड़ गई है। प्रदेश सरकार ने छठ पर्व पर 17 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। यह साल का सातवां सार्वजनिक अवकाश होगा। हालांकि बैंक और ट्रेजरी खुले रहेगें। 40 छुट्टियों का सबसे बुरा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है क्योंकि स्कूल दो महीने गर्मी और एक महीने सर्दियों में पहले से ही बंद रहते हैं। बिहार में छठ पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। वहां इस दिन सार्वजनिक अवकाश बहुत पहले से है, यूपी में अब तक इस पर्व पर कभी सार्वजनिक अवकाश नहीं हुआ। हालांकि पूर्वी यूपी के लोग छठ धूमधाम से मनाते है। राजधानी लखनऊ में छठ मनाने वालों की बड़ी तादात है। राज्य सरकार छुट्टियों से सियासत भी साधती है। पिछले महीने ही देश के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार बल्लभभाई पटेल व आचार्य नरेंद्रदेव की जयंती पर नया सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, जननायक कर्पूरी ठाकुर, महाराणा प्रताप जयंती पर छुट्टियां घोषित की गई थी। हालांकि सरकार ने बसपा शासनकाल में शुरू की गई कांसीराम के जन्म दिन की छुट्टी और डा. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस की छुट्टी रद्द कर दी थी, बाद में सरकार ने डा.अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस की छुट्टी फिर से घोषित कर दी।
छठ पर सरकारी अवकाश घोषित करने के साथ ही अब छुट्टियों की संख्या 33 से बढ़कर 40 हो गई है। प्रदेश में साल के 365 दिनों में अगर 171 छुट्टियां हैं। विकास की बात करनी वाली अखिलेश सरकार ने छुट्टियों के मामले में खुद को अव्वल बना लिया है। उप्र की 40 छुट्टियों के मुकाबले, केरल में 18, मध्य प्रदेश में 17, राजस्थान में 28 और बिहार में 21 सरकारी छुट्टियां होती हैं। सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली 15 अर्जित और 14 आकस्मिक छुट्टियों को भी यदि शामिल कर लिया जाए तो प्रदेश में साल के 171 दिन यानी लगभग छह महीने, छुट्टी रहती है। आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने इतनी ज़्यादा सरकारी छुट्टियों के खिलाफ जनहित याचिक दायर की है जिसमें छुट्टियां घोषित करने के लिए नीति निर्धारित करने की अपील की गई है।
अमिताभ ने कहा है कि ज्यादातर छुट्टियां राजनीतिक स्वार्थ और जातिगत राजनीति से प्रेरित हैं। अगर चंद्रशेखर की जयंती पर इसलिए अवकाश घोषित किया गया कि वे प्रधानमंत्री थे तो तो वीपी सिंह के नाम पर छुट्टी क्यों नहीं, कर्पूरी ठाकुर के नाम पर जब बिहार में छुट्टी नहीं होती तो उप्र में क्यों।