जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से जूझ रहा है पूरा विश्व: राधा मोहन सिंह

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से जूझ रहा है और इसका असर कृषि पर भी पड़ रहा है। विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन का अनुमान है कि जनसंख्या में हो रहे बदलाव के दृष्टिगत खाद्य उत्पादन 60 प्रतिशत की दर से बढऩा चाहिए जबकि जलवायु परिवर्तन पर गठित अंतराष्ट्रीय पैनल का अनुमान है कि 2050 तक फसल उत्पादकता में दस से बीस प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। बढ़ता तापक्रम मछली उत्पादन में 40 प्रतिशत की कमी ला सकता है।
केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह आज यहां किसानों के सशक्तीकरण और कल्याण हेतु नवीन प्रसार पद्धति विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रहे थे। तीन दिनों तक चलने वाली इस गोष्ठी में गैर सरकारी क्षेत्र के अनेक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं और कृषि क्षेत्र से जुडे विभिन्न मुदृों पर विचार विर्मश करेंगे।
राधा मोहन ने कहा कि कृषि क्षेत्र का प्रदूषण भी चिन्ता का विषय है जिसे दूर करने के लिए किसानों को जागरूक करना बहुत आवश्यक है। कृषि प्रदूषण में जानवरों द्वारा दो तिहाई ग्रीन हाउस गैसों का और 70 प्रतिशत मिथेन गैसों के उत्सर्जन का अधिक योगदान है। जिससे पर्यावरण का नुकसान हो रहा है इससे बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से मिटटी अपनी गुणवत्ता खो रही है जिससे मुख्यता असंतुलित उर्वरक प्रयोग, अधिक पोषक तत्वों का उपयोग करने वाली फसलों का उत्पादन, दलहनी पफसलों का फसल चक्र में प्रयोग न किसा जाना एवं मिट्टी में घटता हुआ आरगैनिक कार्बन जिम्मेदार है। चूंकि जोत घट रही है इसलिए किसानों के लिए ऐसे माडल की जरूरत है जिससे उनके परिवारों की खाद्य सुरक्षा, वोषण तत्वों की कमी के साथ साथ नियमित रूप से आमदनी का स्रोत भी सुनिश्चित किया जा सके। श्री सिंह ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के अतिरिक्त पोषण सुरक्षा एक चिन्ता का विषय है जिस पर प्रसार को ध्यान देने की जरूरत है। कुपोषण की अज्ञानता भी बहुतायत क्षेत्रों में देने को मिलती है। जबकि वर्तमान में जब विश्व का एक तिहाई उत्पादन प्रतिवर्ष नष्ट होता है जो कि 200 करोड़ लोगों को एक वर्ष खाना खिलाने के लिए पर्याप्त है। खाद्य उत्पादों का अधिकतक नुकसान उत्पादन के बाद कटाई,ढोने एंव भंडारण के समय देखने को मिलती है। यह नुकसान आर्थिक, पर्यावरण व सामाजिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है क्योंकि विश्व में 80 करोड़ लोग भुखमरी से ग्रसित हैं जबकि 200 करोड लोग कुपोषण से ग्रसित हैं जिनमें आयरन, जिंक एंव विटामिन ए की कमी बहुतायत है।
श्री सिंह ने कहा कि कृषि प्रसार को 14 करोड़ कृषक परिवारों तक पहुंचाने के लिए संसाधन समिति हैं और इसलिए जो बहुत दिनों से लंबित मांग थी उसको पूरा करने के लिए किसान चैनल का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके हैं।