जानिए कैसा होगा मोदी सरकार का बजट

arun jetly

नई दिल्ली। मोदी सरकार अपना लुभावना बजट पेश करने की तैयारी में है। ऐसे में जनता भी सोच रही है कि आखिर सरकार का बजट कैसा होगा। आइये हम बताते हैं कि सरकार किन चीजों पर अपना फोकस करने में लगी है।
स्मार्ट सिटी में आएगा कितना पैसा
स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए केन्द्र सरकार ने 20 शहरों का नाम तय कर लिया है। अब फरवरी के अंत में आने वाले बजट में इंतजार इस बात का रहेगा कि इन शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए केन्द्र सरकार क्या फार्मूला अपनाने जा रही है। केन्द्रीय खजाने से इन शहरों के लिए कितना फंड दिया जाएगा और एक साल के अंदर इन शहरों पर क्या खर्च कर क्या बना दिया जाएगा। गौरतलब है कि पहले चरण के 20 शहरो को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए केन्द्र सरकार अगले पांच साल में 50,802 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए वार्षिक अनुदान बजट के जरिए दिया जाएगा। लिहाजा इस बजट से इंतजार रहेगा कि सरकार पहले साल इन शहरों पर कितना खर्च करने जा रही है।

बुलेट ट्रेन परियोजना
केन्द्र सरकार ने मुंबई से अहमदाबाद तक हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर(बुलेट ट्रेन) बनाने की सहमति दे दी है. इस प्रोजेक्ट को मेट्रो रेल की तर्ज पर भारतीय रेल की एक कंपनी बनाकर किया जाना है. इस प्रोजेक्ट पर कुल लागत 97,636 करोड़ रुपये आंकी गई है और जापान सरकार इस लागत का 81 फीसदी (79,165 करोड़ रुपये) खर्च उठाने के लिए समझौता कर चुकी है. बाकी की रकम केन्द्र सरकार (50 फीसदी) और संबंधित राज्य सरकारें(25 फीसदी प्रत्येक) की तरफ से दी जानी है. लिहाजा इस बजट में अब यह देखना है कि इस परियोजना के लिए केन्द्र सरकार कितना पैसा मुहैया कराती है.

घर खरीदने में क्या मिलेगी ये सौगात
बीते कुछ साल में जिस तरह से रियल्टी सेक्टर में मंदी छाई हुई है उससे कई लोगों का घर खरीदने का सपना अभी सपना ही बना हुआ है. इस मंदी के बीच बड़ी समस्या उन लोगों के लिए हो गई है जिन्होंने अन्डर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में घर खरीद लिया है. दरअसल केन्द्र सरकार घर खरीदने वालों को इंकम टैक्स में दो साल की रियायत देती है बशर्ते इस घर का पोजेशन उसे तीन साल के अंदर मिल गया हो. लेकिन बिते कुछ साल में जिस तरह इस सेक्टर पर मंदी छाई हुई है ज्यादातर प्रोजेक्ट इस तीन साल की अवधि से ज्यादा समय के बाद भी लंबित पड़े हैं और ऐसे प्रोजेक्ट में निवेश कर चुके लोगों को अब इन्कम टैक्स में यह छूट नहीं मिल सकेगी. लिहाजा, एक तरफ जहां सरकार की कोशिश रियल एस्टेट सेक्टर में वापस तेजी लाने की है वहीं उसे उन ग्राहकों को भी सुध लेते हुए इस छूट की मियाद को बढ़ाकर कम से कम पांच साल कर देना चाहिए.

क्या मिलेंगे बचत के रास्ते
पिछले साल बजट से टैक्सपेयर ने अच्छे दिन की सुगबुगाहट के चलते उम्मीद लगा रखी थी कि उसे 5 लाख रुपये तक की इन्कम पर टैक्स से छूट मिल सकती है. लेकिन सरकार ने इस सीमा को 2 लाख प्रति वर्ष से बढ़ाकर 2.5 लाख प्रति वर्ष कर दिया था. इस बार जेटली पहले ही इशारा कर रहे हैं कि आम आदमी के लिए लोकलुभावन कदम नहीं उठाए जाएंगे लिहाजा इसमें किसी परिवर्तन की उम्मीद कम है. लेकिन आम आदमी के लिए इस बार सेविंग्स में छूट देखने को मिल सकती है. मौजूदा समय में 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष की सेविंग्स और इंवेस्टमेंट पर इन्कम टैक्स की छूट का प्रावधान है. इस छूट को लेने के लिए बचत खाते के साथ-साथ बॉन्ड और सरकारी स्कीम में निवेश किया जाता है. आगामी बजट में केन्द्र सरकार इस छूट के दायरे को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर सकती है और साथ ही कुछ अन्य बॉन्ड और स्कीम्स को इसमें शामिल कर सकती है.

बजट में जीएसटी के लिए नई डेडलाइन पर नजर
केन्द्र सरकार का अबतक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म राजनीतिक उठापटक की भेंट चढ़ रहा है. जहां पहले से तय 1 जनवरी 2016 की डेडलाइन पर इसे लागू नहीं किया जा सका क्योंकि केन्द्र सरकार इससे संबंधित कानून को संसद से पास नहीं करा सकी. अब आगामी बजट में देखना होगा कि क्या केन्द्र सरकार इस आर्थिक सुधार के लिए कोई नई डेडलाइन लेकर आती है. गौरतलब है कि देश भर में इंटेग्रेटेड टैक्स प्रणाली के जरिए केन्द्र सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को तेज आर्थिक विकास दर से बढऩे के लिए तैयार करना चाहती है.