जियो बनेगा कारण: और सस्ती होंगी कॉल दरें

बिजनेस डेस्क। मोबाइल कॉल और डेटा सस्ता होने की दौड़ शुरू हुए करीब एक साल का वक्त गुजर चुका है। इसके और कम होने की संभावना जताई जा रही है। खबर है कि टेलिकॉम रेग्युलेरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) मोबाइल ऑपरेटर्स की उस फीस में कटौती कर सकता है जो वह कनेक्टिंग कॉल्स के लिए एक दूसरे को भुगतान करते हैं। फिलहाल इंटरकनेक्ट यूसेज चार्जेस (आईयूसी) की दर 14 पैसे प्रति मिनट है लेकिन यह आसानी से 10 पैसे प्रति मिनट से कम हो सकता है। पिछले साल सितंबर में जब मुकेश अंबानी ने अपने रिलायंस जियो के जरिये लाइफटाइम मुफ्त कॉल का प्लान लॉन्च किया, तब से लगातार आईयूसी एक मुद्दा बना हुआ था। जियो, जो उपभोक्ताओं को फ्री कॉल की सुविधा देता है पर आईयूसी का भार बढ़ता जा रहा था। कंपनी आईयूसी की दरों में कमी चाहती थी। जियो की नजर में आईयूसी वर्तमान ऑपरेटरों द्वारा बनाई गई कृत्रिम बाधा है। आजकल सभी टेलीकॉम कंपनियों में जैसी उथल-पुथल मची हुई है, ट्राई भी काफी विचार विमर्श के बाद इस निर्णय पर पहुंची कि कॉल एवं इंटरनेट की दरों में कमी की गुंजाइश है। दूसरी ओर एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी कंपनियां इससे हजारों करोड़ रुपये कमाती हैं। ये पुरानी कंपनियां इस दर में और इजाफा चाहती हैं। उदाहरण के लिए देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल की पिछले साल की आईयूसी डीलिंग करीब 10279 करोड़ रुपये थी। कंपनी इस कॉस्ट को 30 पैसे प्रति मिनट के वास्तविक मूल्य तक ले जाना चाहती है। ट्राई के अध्यक्ष आर एस शर्मा को एक लिखे एक हालिया खत में भारती इंटरप्राइसेज के चेयरमैन सुनील मित्तल ने लिखा, आईयूसी की मौजूदा दर पहले ही लागत से कम है। उन्होंने ट्राई को इसकी दर एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र द्वारा तय करने की बात कही।