जेएनयू की तपिश वाराणसी के बीएचयू में भी, 22 को है पीएम का कार्यक्रम

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) जेएनयू कांड की आग से तपने लगा है। गुरूवार को जेएनयू प्रकरण के समर्थक और विरोधी छात्र गुट आपस में टकरा गए। आईसा कार्यकर्ता जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के समर्थन में धरना दे रहे थे। इसी बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ कार्यकर्ता पहुंचे और उनसे उलझ गए। बात ही बात में दोनों पक्षों में नोकझोंक हुई जो कुछ ही पल में हाथापाई में बदल गई। एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के धरना दे रहे है, छात्रों ने सिंह द्वार के समीप भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का पुतला फूंकने की कोशिश की। इसकी सूचना मिलते ही लंका थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और सभी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। 22 फरवरी को प्रधानमंत्री के वाराणसी आने का प्रोग्राम तय है।
विश्वविद्यालय के निकट भारी तादत में पुलिस तैनात कर दी गई है। इस बीच 22 फरवरी को वाराणसी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को काला झंडा दिखाने व विरोध प्रदर्शन की अनुमति लेने के लिए वाराणसी डीएम राजमणि यादव को प्रार्थना पत्र दिया गया। प्रार्थना पत्र लेकर डीएम ने भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी प्रो. विलास खरात, कार्यकारी राज्य अध्यक्ष विजय प्रताप भारती को पहले तो उन्हें समझाने की कोशिश की। दोनों नेता अनुमति देने पर अड़े रहे तो डीएम ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को दोनों को तत्काल गिरफ्तार कर एक-एक लाख रुपये के निजी जमानत पर ही छोडऩे का आदेश दिया। अपर नगर मजिस्ट्रेट चतुर्थ राम शिरोमणि की कोर्ट में पेश किया गया, जहां एक-एक लाख का निजी जमानत देने पर दोनों को शाम को रिहा कर दिया गया। डीएम को संबोधित ज्ञापन में रोहित वेमुला की हत्या और बीएचयू में हो रहे जातीय उत्पीडऩ को लेकर पीएम को 22 फरवरी को उनके वाराणसी आगमन पर काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी आगमन के मद्देनजर जिला पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। गैर भाजपाई छात्र संगठनों पर खास तौर पर पुलिस और प्रशासन की निगाह है। प्रशासन की कोशिश है कि 22 फरवरी के दौरे से पहले ही गैर भाजपाई छात्र संगठन के छात्रों और छात्रनेताओं को गिरफ्तार कर लिया जाए ताकि पीएम के आगमन पर किसी तरह का हंगामा न हो।
पीएम व केजरीवाल के अल-अलग समय पर आने से राहत
रविदास जयंती पर शिरकत करने आ रहे पीएम नरेन्द्र मोदी पहले मंदिर जाएगें फिर बीएचयू। पीएम व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 22 फरवरी को प्रधानमंत्री सुबह 10.45 पर पहुंचेंगें, जबकि अरविंद केजरीवाल का जहाज 11.30 पर वाराणसी पहुंचेगा। जिला प्रशासन का कहना है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम के दौरान रविदास मंदिर के लिए अलग से पास जारी किए जाएंगे। इस संबंध में मंदिर प्रबंधन से अलग से सूची मांगी जाएगी। मंदिर प्रबंधन ने सेवादारों को परिचय पत्र जारी करने का निर्णय लिया है। 22 फरवरी को संत रविदास जयंती पर सीर गोवर्धन में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए लगभग छह हजार सेवादार तैनात होंगे जो विभिन्न व्यवस्थाओं में जुटेंगे। इसके अलावा मंदिर प्रबंधन उन लोगों की भी सूची तैयार कर रहा है जो मोदी और केजरीवाल के आगमन पर मंदिर में मौजूद रहेंगे। इनमें मंदिर के ट्रस्टीए प्रबंधक और संत के अलावा सेवादार होंगे। इनकी सूची की एक प्रति जिला प्रशासन के भी पास होगी। इस सूची को फाइनल एसपीजी ही करेगी। देश विदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले रैदासी भक्तों की सेवा के लिए पंजाब के विभिन्न शहरों से बड़ी संख्या में युवा भी आते हैं। इन युवाओं को लंगर से श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी दी जाती है। उनकी मदद के लिए सेवादार होंगे जिनकी तीन अलग -अलग शिफ्ट में तैनाती होगी। इस बार पीएम के आगमन को देखते हुए सेवादारों की संख्या बढ़ाई गई है। पिछले वर्ष करीब पांच हजार सेवादार विभिन्न व्यवस्थाओं में लगे थे। पीएम व सीएम दिल्ली की यात्रा के पीछे पंजाब विधान सभा चुनाव को कारण माना जा रहा है।