डेंगू का कहर: पपीते की गोली और बकरी के दूध की बढ़ी डिमांड

dengue-fever
नई दिल्ली। डेंगू के कहर ने दिल्ली में बकरी के दूध का रेट 2000 रुपये तक बढ़ा दिया है। लोग 800 रुपये गिलास का दूध खरीदकर मरीजों को पिला रहे हैं। आपको बता दें कि दिल्ली में बकरी का दूध 2,000 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है जो गरीबों की जेब से बाहर है। ऐसे में गरीबों के पास बचने के लिए कोई रास्ता दिखता नजर नहीं आ रहा है। डेंगू से अब तक करीब 10 लोगों की मौत हो चुकी है और हर रोज डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में लोग इस बीमारी से बचने के लिए अनेक उपाय कर रहे है। बता दें कि यह बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिसको हो जाती है जल्दी से पीछा नहीं छोड़ती। इसलिए सभी लोग स्वास्थय के प्रति सावधान रहे।
एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि प्लेटलेट्स में गिरावट आने के दो-तीन दिनों बाद इसमें प्राकृतिक रुप से बढ़ोतरी देखी जाती है। ऐसे में संभव है कि अपने आप होने वाली इस बढ़ातरी को ही लोग इन उपचारों का प्रभाव मान रहे है। दिल्ली-एनसीआर में बकरी के दूध के दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बकरी का दूध 2 हजार रुपए लीटर तक पहुंच गया है, जबकि पपीते की पत्तियों से बनी टैबलेट्स का जार लोग 1 हजार रुपए में खरीद रहे हैं। आम दिनों में बकरी का दूध 35 से 40 रुपए प्रति लीटर पर मिल जाता है। पारंपरिक चिकित्सा में डेंगू के इलाज के लिए बकरी का दूध इस्तेमाल किया जाता रहा है। डेंगू से पीडि़त मरीज के ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है। ऐसा माना जाता है कि पपीते की पत्तियां और बकरी का दूध ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में कारगर होता है। हालांकि, अभी तक इस धारणा को किसी तरह की वैज्ञानिक प्रमाणिकता नहीं मिली है। पपीते की पत्तियों से फायदे के दावों के बाद केमिस्टों ने इसके अर्क से घर में तैयार टैबलेट्स भी रखना शुरू कर दिया है।