दबाव में आया पाक: गठित की जेआईटी

indo_pak_talksइस्लामाबाद। भारत पर हुए सभी हमलों में पाकिस्तान अब तक ज्यादातर में उसका हाथ होने से इनकार करता रहा है। भारत पर हुए हमलों में पाकिस्तान या तो हाथ होने से साफ मुकर जाता था या भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों को नाकाफी बता देता था। अब इसे मोदी का पाकिस्तान की ओर बढ़ाया गया दोस्ती का हाथ कहें या कुछ और लेकिन पाकिस्तान पहली बार भारत के पठानकोट पर हुए हमले को गंभीरता से ले रहा है।
इतना ही नहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस हमले की जांच के लिए एक हाई-प्रोफाइल जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम यानि जेआईटी गठित करने के आदेश दे दिए हैं। सोमवार को मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। शरीफ ने यह फैसला आतंकी हमलों से जुड़े सबूत भारत द्वारा पेश किए जाने के बाद लिया है। बता दें कि भारत ने पठानकोट हमले की जांच के लिए हमलावरों के आकाओं की बातचीत की रेकॉर्डिंग और फोन नंबर पाकिस्तान को सौंप दिए थे। बताया गया है कि यह सब कुछ पाकिस्तान से हो रहा था। शरीफ ने भारत और अमेरिका को आश्वासन दिया है कि इस मामले में पाकिस्तान जांच कर सच को सामने लाएगा।
पाकिस्तान द्वारा उठाए गए इस कदम का सीधा प्रभाव भारत-पाक वार्ता पर पड़ेगा। एक पाकिस्तानी अखबार के पत्रकार ने दावा किया है कि भारत ने पठानकोट हमले में जो नंबर सौंपे थे उसे लेकर सियालकोट दो गिरफ्तारियां भी हुई हैं। अखबार के मुताबिक जेआईटी गठन के फैसले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी भी शामिल हुए। इसके साथ ही इसमें मिलिटरी इंटेलिजेंस के भी अधिकारियों को शामिल किया गया। नवाज शरीफ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई और उसी में जेआईटी गठन का फैसला लिया गया।
खबर के मुताबिक मुताबिक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पठानकोट मामले में बेहद सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक शरीफ ने आर्मी चीफ रहील शरीफ से इस मामले में बातचीत की है। जेआईटी गठन के फैसले में आर्मी चीफ को भी शामिल किया गया था। सूत्रों ने बताया कि यह जांच प्रधानमंत्री शरीफ के लिए बड़े इम्तिहान की तरह है क्योंकि इसका सीधा संबंध भारत-पाकिस्तान के संबंधों से है। बिना ठोस जांच के दोनों देशों के बीच बहाल वार्ता फिर से टूटने की कगार पर है।