दो हजार साल पुराने खेल जल्लीकट्टू से केन्द्र ने हटाई पाबंदी

jaliy-kattu sportनई दिल्ली। तमिलनाडु के 2000 साल पुराने लोकप्रिय जल्लीकट्टू खेल से केन्द्र सरकार ने पाबंदी हटा ली है। केंद्रीय मंत्री पी राधाकृष्णन ने कहा कि 2000 साल पुराना ये त्योहार संकट में था। उन्होंने पीएम को तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए शुक्रिया किया। हालांकि पेटा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। तमिलनाडु में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इसे देखते हुए ये फैसला अहम माना जा रहा है। तमिलनाडु सरकार के अलावा कई किसान संगठनों ने भी मांग की थी कि केंद्र सरकार कानून में बदलाव करे। मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र सरकार से जल्लीकट्टू त्योहार पर अध्यादेश जारी करने की मांग की थी।

अब पर्यावरण और वन मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए खेल को मंजूरी दे दी है। अधिसूचना के मुताबिक, जल्लीकट्टू के तहत सांड या बैलों को 15 मीटर के दायरे के अंदर ही काबू करना होगा। इसके अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, केरल और गुजरात में परंपरागत बैलगाड़ी दौड़ भी हो सकती है। बशर्ते कि ये दौड़ एक विशेष ट्रैक पर आयोजित की जाए जो दो किलोमीटर से ज्यादा लंबा ना हो। पेटा से जुड़े डॉ चैतन्य कौडुरी ने कहा कि सरकार का फैसला असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट का अपमान है। वो इस फैसले के खिलाफ अदालत में अपील करेंगे। तमिलनाडु में जनवरी के महीने में फसल कटाई के त्योहार पोंगल पर जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2014 में केंद्र सरकार के तब के नोटिफिकेशन को सही ठहराया था। उस नोटिफिकेशन में जल्लीकट्टू पर बैन लगाया गया था।