धन.बल के दुरूपयोग से चुनी गई सरकारों को गिराना भाजपा का नया तरीका

harish rawat ukनई दिल्ली। उत्तराखंड के घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस हाईकमान के चेहरे पर चिंता की लकीरें है। पांच राज्यों के विधानसभा के चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस के लिए उत्तराखंड बड़ी चुनौती है। उत्तराखंड में राजनैतिक संकट के मुद्दे पर कई ट्वीट करके राहुल गांधी ने केंद्र में सत्ताधारी पार्टी और केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र से खिलवाड़ के खिलाफ लड़ेगी। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि बिहार में मिली हार के बाद खरीद फरोख्त धन.बल के दुरूपयोग से चुनी गई सरकारों को गिराना भाजपा का नया तरीका बन गया है। कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र के साथ हो रहे खिलवाड़ के खिलाफ लड़ेगी। लोकतंत्र और सबसे पहले अरूणाचल में और अब उत्तराखंड में हमारे संविधान पर हुआ यह हमला मोदीजी की भाजपा का असली चेहरा है।
उत्तराखंड में बीते दो दिनों में कांग्रेस के नौ विधायकों की बगावत और विपक्ष के सरकार बनाने का दावा करते हुए राज्यपाल से मिलने के कारण राज्य में हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार संकट में घिर गई है।
उधर, उत्तराखंड राजनैतिक संकट में घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। रविवार की शाम मुख्यमंत्री हरीश रावत गोपनीय तरीके से विधान सभा पहुंचे। यहां सीएम और उनके समर्थकों ने बागी विधायक हरक सिंह रावत के दफ्तर से स्टाफ को बाहर निकाला। साथ ही वहां रखी फाइलों को खंगाला। इसके बाद दफ्तर को सील कर चाबी मुख्यमंत्री हरीश रावत के सुपुर्द कर दी गई। उन्होंने मीडिया से भी बात नहीं की। इस दौरान उनके साथ संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश भी थी।
सरकार विधायकों को बहुमत तक एकांतवास दे रही है ताकि और डैमेज की आशंका टाली जा सके। सरकार प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पर सरकार गिराने के लिए हार्स ट्रेडिंग का आरोप भी लगा रही है। यही कारण है कि कुछ कांग्रेसी विधायकों के साथ ही सरकार के सहयोगी दल प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट-पीडीएफ के विधायकों को भूमिगत कराया जा रहा है, पीडीएफ के यूकेडी विधायक प्रीतम पंवार रामनगर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह पहले दिन से ही सरकार के साथ हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है। सभी विधायकों को एक होटल में रखा गया है। होटल को छावनी में बदल दिया गया है।
उत्तराखंड के राज्यपाल डा. कृष्णकांत पाल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को 28 मार्च तक बहुमत साबित करने को कहा है। राजभवन ने सचिव विधानसभा से इस पूरे प्रकरण की सीडी और दस्तावेज भी तलब किए। उधरए कांग्रेस की मुख्य सचेतक डाण् इंदिरा हृदयेश की ओर से पार्टी के बागी नौ विधायकों पर व्हिप के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल को पत्र लिखा गयाए जिस पर विस अध्यक्ष ने सभी नौ बागी विधायकों को नोटिस जारी कर दिए।
रावत के लिए राज्यपाल का यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब भाजपा कांग्रेस के नौ बागी विधायकों के समर्थन से 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बहुमत का दावा पेश कर रही है। बहरहालए भाजपा ने सरकार बनाने के अपने प्रयासों को बढ़ा दिया है और रावत मंत्रिमंडल के अल्पमत में आने का दावा कर रही है। भाजपा ने दावा किया है कि उसे बागी कांग्रेस विधायकों सहित 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जबकि रावत ने कहा कि विधानसभा में अभी भी उनके पास बहुमत है क्योंकि किसी भी बागी विधायक ने ना तो पार्टी और ना ही कांग्रेस विधायक दल को छोड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि बागी विधायकों में से पांच उनके संपर्क में हैं।
विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि दल बदल कानून लागू है और जो भी इसके उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा विधानसभा में इससे पहले जब विधेयक पारित किया गया तब कांग्रेस के सभी विधायकों ने सरकार के पक्ष में मतदान किया था और किसी ने भी विधेयक को चुनौती नहीं दी। यहां तक कि भाजपा ने भी ध्वनिमत से इसे स्वीकार किया।