नकल के साये के बीच शुरू हुई यूपी बोर्ड परीक्षा

up bordलखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की दसवीं तथा 12वीं की परीक्षा आज से अव्यवस्था के बीच शुरू हो गई है। आज पहली पारी में कहीं पर बच्चे दरी पर परीक्षा देते दिखे तो कहीं पर कक्ष निरीक्षक विलंब से पहुंचे। कहीं पर साइलेंट नकल का मामला सामने आया तो कहीं प्रदेश में कई जगह पर खुलेआम नकल हो रही है। नकल के साये में गुजरे अतीत के कारण बोर्ड परीक्षा जहां विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्थाओं में शुमार यूपी बोर्ड का इम्तिहान लेगी तो सरकार की साख भी कसौटी पर होगी।
फर्जी कॉपियों का खेल खत्म करने के दावे के बीच यूपी बोर्ड की 2016 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाएं आज से 11664 केंद्रों पर शुरू होंगी। हाईस्कूल में 37,49,977 और इंटर में 30,71,892 समेत कुल 68,21,869 परीक्षार्थी इम्तिहान देंगे। हाईस्कूल परीक्षा नौ मार्च को खत्म होगी जबकि इंटरमीडिएट के इम्तिहान 21 मार्च को। इस बार परीक्षा को नकलविहीन संपन्न कराने का दावा करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव ने बताया कि विभाग ने दो नये प्रयोग किये हैं। इस बार परीक्षा के दौरान सभी परीक्षा केंद्रों पर हर पाली में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों का ब्योरा तत्काल प्राप्त करने के को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मोबाइल एप तैयार कराया है। सभी परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र और अटेंडेंस शीट में क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड होगा। अटेंडेंस शीट में अनुपस्थित छात्र के क्यूआर कोड को स्कैन करते ही उसका पूरा ब्योरा यूपी बोर्ड के सर्वर पर आ जाएगा। केंद्र व्यवस्थापक अनुपस्थित छात्र को उस पाली की परीक्षा के लिए ब्लॉक कर देगा। यह जानकारी विभिन्न स्तरों पर कुछ ही पल में पहुंच जाएगी। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि मोबाइल एप का संदेश साफ है-इससे परीक्षा केंद्रों के बाहर लिखी उत्तर पुस्तिकाओं को संकलन केंद्रों पर कॉपियों के बंडल में शामिल कराने का गोरखधंधा पूरी तरह रुक जाएगा। दूसरे प्रयोग के तहत नकल के लिहाज से संवेदनशील 31 जिलों में क्रमांकित (नंबङ्क्षरग) उत्तर पुस्तिकाओं का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि किस जिले के किस केंद्र पर किस नंबर की उत्तर पुस्तिका गई है।
कैदी भी देंगे इम्तिहान माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने बताया कि प्रदेश की आठ जेलों में बंद 126 कैदी हाईस्कूल और 153 कैदी इंटरमीडिएट की परीक्षा देंगे। इनमें फीरोजाबाद, गाजियाबाद, बरेली, बांदा व गोरखपुर के जिला कारागार, फतेहगढ़ व वाराणसी के केंद्रीय कारागार और आदर्श कारागार लखनऊ के कैदी शामिल हैं।