निकाय चुनाव में योगी का विजय घोष: हिन्दुत्व का नारा

 

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगरीय निकाय चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत अयोध्या से करते हुए मंगलवार को सभा में जय जय श्रीराम का उद्घोष कर प्रखर हिन्दुत्व का संदेश दे दिया। योगी ने भाषण का समापन करते हुए कहा, अपनी वाणी को देता हूं विराम, जय जय श्रीराम। उनके यह कहते ही सभा में मौजूद लोग भी जय श्रीराम के नारे लगाने लगे।
राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि राज्य में 653 नगर निकाय हैं, लेकिन योगी ने प्रचार अभियान की शुरुआत यहां से कर यह संदेश दे दिया कि अयोध्या के प्रति भाजपा और उनकी सरकार काफी गंभीर है। कुछ लोग इसे हिन्दुत्व से भी जोडक़र देख रहे हैं। अयोध्या के ही रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि भाजपा अयोध्या मुद्दे को सुर्खियों में बनाये रखना चाहती है, इसीलिये उसके कई नेता मौका मिलते ही राम या राम मंदिर निर्माण के सम्बन्ध में बोलने लगते हैं। योगी ने कहा कि अयोध्या के कारण ही देश दुनिया में दीपावली की शुरुआत हुई, लेकिन अयोध्या में ही यह त्यौहार समाप्ति की कगार पर था। उन्होंने तय किया था कि इस बार दीपावली में उनकी पूरी सरकार अयोध्या में रहेगी। इसका पालन करने के साथ ही 135 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया गया। निकाय चुनाव के बाद और योजनायें शुरु की जायेंगी।
उन्होंने कहा कि सात पवित्र नगरी में पहली पुरी के रुप में जानी जाने वाली अयोध्या को अन्तराष्ट्र्रीय पहचान दिलाया जायेगा और इसके लिये उसी के अनुरुप विकास किया जायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निकायों में 15 वर्षों तक पैसों का बंदरबाट किया गया। ठेके नगर विकास मंत्री के लखनऊ स्थित आवास से बांटे गये। जनता को सुविधाओं से वंचित किया गया। नगर निकायों की स्वतंत्रता पर प्रहार किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो तीस फीसदी आबादी नगर निकाय क्षेत्रों में रहती है, लेकिन शेष 70 फीसदी आबादी की निर्भरता नगर इकाईयों के ईद गिर्द रहती है। केन्द्र और राज्य सरकार चाहते हैं कि नगर निकायों का समग्र विकास हो। दोनों सरकारों से आने वाला पैसों का उपयोग जनता के हित में हो। इसके लिये भाजपा के ही बोर्ड का गठन होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल, जल निकासी, बिजली, सडक़, एलईडी स्ट्रीट लाइट और सार्वजनिक कार्यक्रमों की दृष्टि से पार्कों आदि की अच्छी व्यवस्था के लिये सही बोर्डों का गठन जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के कई शहरों को स्मार्ट सिटी के रुप में विकसित करवाना चाहते थे, लेकिन पूर्व राज्य सरकार ने सहयोग ही नहीं दिया। योगी ने आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि पूर्व राज्य सरकार के असहयोग की वजह से प्रधानमंत्री आवास योजना का सटीक लाभ गरीब जनता को नहीं मिल सका।