पनामा पेपर्स लीक:ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कैमरून ने टैक्स रिकार्ड जारी किया

cameron-1लदंन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने अपने पिता की विदेशी सम्पत्ति के बारे में पनाना पेपर्स लीक से उपजे विवाद को खत्म करने के उद्देश्य से अपने टैक्स रिकार्ड को जारी करने का अप्रत्याशित कदम उठाया। उन्होंने 08 वर्ष का अपना टैक्स रिकार्ड जारी किया।कैमरून शुरू में यह स्वीकार करने से इंकार करते रहे कि उन्हें उनके पिता की विदेशी सम्पत्ति से कोई लाभ हुआ लेकिन कल के समाचार पत्रों ने यह प्रकाशित कर दिया कि उन्हें उनकी मां से दो लाख पौंड ;दो लाख 82 हजार डालरद्ध की रकम 2011 में मिले हैं। जिसके बाद इस विवाद से बचने में उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।इससे यह बात प्रकाश में आयी कि हो सकता है यह विरासत कर से बचने का एक प्रयास हो। कैमरून के कार्यालय के एक सूत्रों ने बताया कि यह पूरी तरह से सही नहीं है।लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य को कि उन्हें अपने पिता की सम्पत्तियों से कोई लाभ नहीं हुआ गुमराह करने वाला बताया।
– मोदी ने 15 दिन में मांगी पहली जांच रिपोर्ट
पनामा पेपर्स लीक में करीब 500 भारतीयों का नाम आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जानकारी ली और अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर पहली जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय संघ ;आईसीआईजे,  ने हाल ही में पनामा पेपर्स को लीक किया था जिसमें टैक्स हैवन में पैसा जमा करने वाले भारतीयों के नाम का भी खुलासा भी हुआ था।
बेल्जियम और सऊदी अरब की पांच दिवसीय विदेश यात्रा से वापस आने के तुरंत बाद ही मोदी ने उच्चाधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने इस मामले की पूरी जानकारी ली थी। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि मोदी 4 अप्रैल की सुबह करीब 1रू30 बजे विदेश यात्रा से भारत लैटे थे। उसी दिन सुबह 7 से 7.30 बजे उच्चाधिकारियों की बैठक भी बुला ली और उन्हें 15 दिनों के भीतर इस मामले की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।

अधिकारी के मुताबिक इस बैठक में उन्होंने इस मामले की जांच कालाधन पर जांच करने वाली विशेष जांच दल को देने के बजाय किसी समिति को सौंपने पर सहमति जताई थी। उन्होंने बताया कि मोदी पहले इस मामले को पूरी तरह से समझना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने की बात कही। उनके दिए निर्देशों पर काम भी शुरू हो चुका है।

मालूम हो कि पनामा पेपर्स लीक मामले में जांच समिति का गठन किया जा चुका है। समिति में विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। समिति में वित्तीय खुफिया इकाईए विदेशी कर और कर अनुसंधान प्रभागए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों के एक दल को शामिल किया गया। समिति ने बीते 7 अप्रैल को अपनी पहली बैठक की थी।गौरतलब है कि पनामा पेपर्स में दुनिया के उन रईस लोगों के नाम का खुलासा हुआ है जिन्होंने कर चोरी के लिए टैक्स हैवन में अपने पैसों को जमा कराया। इस काम के लिए उन्होंने मोसाक फोंसेका नामक कंपनी की मदद ली जो करीब 40 साल से ऐसे काम को अंजाम देता आया है।मोसाक फोंसेका के दस्तावेजों के लीक होने के बाद आईसीआईजे की टीम ने करीब एक साल तक इसकी झानबीन की और फिर दुनिया के तमाम लोगों की सूची जारी कर दी।