परिवार के लोगों को शशिकला की खरी-खरी: पार्टी से रहो दूर

shashikalaचेन्नई (जेएनएन)। दिवंगत जयललिता की करीबी रहीं शशिकला ने अपने परिवार के सदस्यों को दो टूक कहा है कि वह पार्टी (एआईएडीएमके) और सरकार के कामकाज से दूरी बनाए रखें। शशिकला को जयललिता का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि अपने भाई-बहनों के साथ-साथ उन्होंने भतीजे-भतीजियों को सख्ती से कहा है कि वे राजनीतिक गतिविधियों से बिल्कुल दूरी बनाए रखें।
एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए शशिकला के परिवार से जुड़े एक करीबी ने बताया कि बुधवार को शशिकला ने पोस गार्डन स्थित आवास में अपने परिवार के सदस्यों के साथ बैठक की और उन्हें पार्टी व राजनीति से दूर रहने की नसीहत दी। इसके एक दिन बाद उन्होंने मंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उन्हें निर्देश दिया कि वो उनके (शशिकला) परिवार के सदस्यों से कोई निर्देश न लें।
सूत्रों के अनुसार शशिकला आगे भी घर में रहेंगी। फिलहाल जयललिता के आवास विद्या निलयम में रह रहे परिवार के सदस्य अब यहां से चले जाएंगे, जिसके बाद यहां शशिकला के साथ उनकी ननद इलावरसाई यहां रह सकती हैं। जयललिता के अंतिम संस्कार के दौरान शशिकला के परिवार के सदस्यों के लगातार इर्द-गिर्द बने रहने और राजाजी हॉल में उनके पार्थिव शरीर को घेरे रहने को लेकर उनकी पार्टी के अंदर और सोशल मीडिया में खासी आलोचना हुई थी।
दिसंबर 2011 को जयललिता ने शशिकला और उनके परिवार के 12 रिश्तेदारों को पार्टी से निकाल दिया। उन सब पर जयललिता का तख्ता पलट की कोशिश से लेकर घोटालों तक के आरोप लगाए गए। हालांकि करीब 100 दिन बाद शशिकला की पार्टी में वापसी हो गई, लेकिन उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य को जयललिता ने पार्टी में नहीं आने दिया।
शशिकला द्वारा परिवार के सदस्यों को पार्टी से दूर रखने के फैसले के राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि शशिकला अपनी ऐसी राजनीतिक छवि बनाना चाहती हैं, जिसकी स्वीकार्यता समाज के सभी तबकों में बन सके।