लखनऊ। समाजवादी पार्टी की पूरी लड़ाई की पटकथा पहले से लिखी हुई है। 2017 के उप्र के विधानसभा आम चुनाव के परिणाम कुछ भी हों, समाजवादी पार्टी पर मुलायम सिंह के बाद पूरा कब्जा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रहेगा। रविवार को जिस तरह शिवपाल यादव को तीन करीबी मंत्रियों के साथ एक झटके से मंत्रिमंडल से बाहर किया गया, और मुलायम सिंह व उनकी दूसरी पत्नी साधना के करीबी गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित दूसरे मंत्रियों को छुआ तक नही गया। इससे पूरा घटनाक्रम पहले से लिखी गई पटकथा का संकेत दे रहा है। अब यह साफ हो गया है कि मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी में परिवार के दूसरे सदस्यों का उतना ही हक है जितना पिता पुत्र उन्हे देना चाहेंगें। अखिलेश के ऊपर चाचाओं की धौंस नही चलेगी। मुलायम सिंह ने 2012 में बहुमत आने के बाद बेहद सधे राजनेता की तरह दूसरे नेताओं के विरोध के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी अखिलेश को सौंप दी। अब पार्टी की कमान भी उन्ही के हाथों में देने की कवायद पूरी कर चुके है। कलह में चाचा शिवपाल यादव पूरी तरह मुल%