पहाड़ की यात्रा रोमांचक बनाना है तो घूमिये रानीखेत

binsar mahadev
फीचर डेस्क। उत्तराखण्ड का एक प्रमुख पहाड़ी पर्यटन स्थल है रानीखेत। देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक एक हिल स्टेशन है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 85 किमी. की दूरी पर स्थित यह अच्छी पक्की सड़क से जुड़ा हुआ है। रानीखेत से सुविधापूर्वक घूमने के लिए पिण्डारी ग्लेशियर, कौसानी, चौबटिया और कालिका पहुंचा जा सकता है। इस पर्वतीय नगरी का मुख्य आकर्षण यहां विराजती नैसर्गिक शान्ति है। रानीखेत में फौजी छावनी भी है जो गोल्फ प्रेमियों के लिए एक सुन्दर पार्क भी है। रानीखेत आने वाले ज्यादातर पर्यटक सिर्फ घूमने नहीं बल्कि कुछ समय रहने के लिए आते हैं और अगर आप भी एलटीए लेकर परिवार के साथ फुर्सत के दो-चार दिन बिताने का मन बना रहे हैं तो रानीखेत का रुख कर सकते हैं। हल्की सर्दी में पहाड़ की यात्रा खासी रोमांचक रहती है और अब मौसम भी वैसा ही है। ऐसा कहा जाता है कि कुमाऊं अंचल के महाराजा सुधरदेव की रानी पद्मिनी को यह जगह इतनी भाई थी कि उन्होंने यहां पर अक्सर आना शुरू कर दिया था और शायद इसीलिए समुद्र तल से 1869 मीटर की ऊंचाई पर बसी इस जगह का नाम रानीखेत पड़ा। रानीखेत में देखने, घूमने और मन में समाने लायक बहुत कुछ है लेकिन ये सारी जगहें आप थोड़ी देर में घूम सकते हैं। आप अगर एक बार यहां से घूमकर लौटेंगे तो अपका मन फिर से यहां आने को कहेगा।
चौबटिया पार्क काफी लंबा-चौड़ा यह पार्क असल में फलों से जुड़ी रिसर्च का एक सरकारी केंद्र है। यहां सेब, अखरोट, खुबानी जैसे ढेरों फलों के पेड़ हैं. आप चाहें तो खुद घूम सकते हैं या फिर यहां मौजूद गाइड की सेवा लेकर सौ से तीन सौ रुपए में आधे से दो घंटे तक की जंगल-वॉक भी कर सकते हैं। इसमें गाइड आपको यहां के पेड़-पौधों, अनोखी वनस्पतियों और पक्षियों आदि के बारे में भी अच्छे से जानकारी देगा। उपट कालिका के नाम से जाना जानेवाला यहां का गोल्फ कोर्स रानीखेत का सबसे बड़ा आकर्षण है। चीड़ और देवदार के घने वृक्षों से घिरे इस लंबे-चौड़े शांत मैदान की चुप्पी तभी टूटती है जब सैलानियों से भरी बसें यहां आकर रुकती हैं। यहां पास ही एक प्राचीन काली-दुर्गा का मंदिर भी है जिसकी खूबसूरती देखने लायक है।
रानीखेत का प्रमुख आकर्षण है घंटियों वाला मंदिर। मां दुर्गा के इस छोटे-से शांत मंदिर में श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर छोटी-बड़ी घंटियां चढ़ाने आते हैं। यहां बंधी हजारों घंटियां देख कर कोई भी अभिभूत हो सकता है। इस मंदिर से कुछ ही कदम ऊपर एक राम मंदिर भी है जिसकी बहुत मान्यता है। रानीखेत से कार्बेट के रास्ते पर कोई 18 किलोमीटर दूर देवदार के घने जंगल में स्थित इस भव्य मंदिर को देखे बिना यहां की यात्रा का आनंद पूरा नहीं हो सकता। यहां आकर एक शांति सी मिलती है और वापस जाने का मन ही नहीं करता है। रानीखेत से करीब चार किलोमीटर दूर चिलियानौला में संत हेड़ा खान का यह शांत आश्रम पर्यटकों को बहुत लुभाता है और वो इसलिए क्योंकि यहां से विशाल हिमालय रेंज साफ देखी जा सकती है। इस मंदिर से नंदा देवी पर्वत ठीक सामने नजर आता है।