पिछड़ा वर्ग विरोधी है बसपा, कांग्रेस और भाजपा का रवैया: चौधरी

Rajendra-Chaudhry

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि पिछड़ो और अति पिछड़ों की सामाजिक-आर्थिक उन्नति और राजनैतिक जागृति के लिए समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता से कुछ विपक्षी दलों की परेषानी स्वाभाविक है। चौधरी ने कहा जिन दलों ने इनके हक छीनने का काम किया है और उन्हें सिर्फ वोट बैंक माना है, उनमें राजनीतिक जागरूकता का आना उन्हें अच्छा नही लगता है। समाजवादी पार्टी ने अपनी कथनी करनी में हमेशा एकता रखी और जब भी समाजवादी सरकारें बनी पिछड़ो-अति पिछड़ो के कल्याण के लिए कदम उठाए गए। आज लम्बे समय से मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनको न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे है।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि 54 प्रतिशत पिछड़ों की आबादी होते हुए भी 8 प्रतिशत लोग शासन सत्ता पर काबिज है। जब समाजवादी पार्टी ने सामाजिक न्याय की लड़ाई छेड़ दी है तो सत्ता पर कुंडली मारे बैठे वर्ग में खलभली मचना स्वाभाविक है। इसके साथ वे भी परेशान हैं जो पिछड़ों को सत्ता में भागीदारी देना नहीं चाहते हैं और उनको बरगलाकर बस अपने राजनीतिक स्वार्थ साधना चाहते है। पिछड़ों के नाम पर अपना हित साधन करने वाले समाजवादी पार्टी की मुहिम से इसलिए आहत है। चौधरी ने कहा कि जब बसपा सरकार आई तो उसने यह सुविधा छीन ली। यही नहीं जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार को फिर अतिपिछड़ों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का प्रस्ताव भेजा तो बसपा अध्यक्ष ने उसका खुलकर विरोध किया। तब कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने बसपा के दबाव में समाजवादी पार्टी का प्रस्ताव निरस्त करवा दिया। वर्तमान भाजपा सरकार का रवैया भी यहीं है। चौधरी ने कहा बसपा, कांग्रेस और भाजपा तीनों दलों का रवैया पिछड़ा वर्ग विरोधी है। अति पिछड़ों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने का समाजवादी पार्टी और सरकार का प्रस्ताव इन दलों की अड़ंगेबाजी का शिकार है।