पीएम मोदी के मन की बात: कृषि कानून है किसानों का हितैषी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताए हैं। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और नए अवसर भी भी मिले हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था। वो मांगे पूरी हुई हैं।पीएम मोदी ने कहा कि इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे किसानों ने नए कृषि कानूनों का इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेंद्र भोई जी ने मक्के की खेती की थी और सही दामों के लिए उसे व्यापारियों को बेचना तय किया। फसल की कुल कीमत तय हुई करीब तीन लाख बत्तीस हजार रुपए। जितेंद्र भोइ को पच्चीस 25 हज़ार रुपए एडवांस भी मिल गए थे। तय हुआ कि बाकी का पैसा उन्हें पंद्रह दिनों में चुका दिया जाएगा। लेकिन बाद में परिस्थितियां ऐसी बनी कि उन्हें बाकी पेमेंट नहीं मिला। किसान से फसल लो, महानों-महीनों पेमेंट न करो, संभवत: मक्का खरीदने वाले बरसों से चली आ रही उसी परंपरा को निभा रहे थे। इसी तरह चार महीने तक जितेंद्र का पेमेंट नहीं हुआ। इस स्थिति मेें सिंतंबर में पास हुए नए कृषि कानून उनके काम आए। इस कानून में यह तय किया गया कि फसल खरीदने के तीन दिन में ही, किसान को पूरा पेमेंट करना पड़ता है और अगर पेमेंट नहीं होता है, तो किसान शिकायत दर्ज कर सकता है।