पीएम मोदी बोले: कोशिश है पत्थर पर भविष्य की लकीरें बन जायें

narendra-modi_10नई दिल्ली। डीआरडीओ भवन में 2013 बैच के आईएएस अफसरों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें अपने काम को उत्साह, प्रेरणा और ईमानदारी से करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर काम करने से ही हमें सीखने को मिलता है।
मोदी ने इस मौके पर कहा कि पत्थर पर भविष्य की लकीरें बन जाए, ऐसी कोशिश कर रहा हूं। सपना और परंपरा के टकराव से संघर्ष पैदा होता है। हमारे काम, हमारी सोच पर आधारित होना चाहिए। आप सब देश के लिए कुछ करना चाहते हैं, लेकिन संघर्ष में अटक जाते हैं। अब आप अफसर बनकर नई जिम्मेदारियों को उठाने के लिए तैयार हैं। इसलिए आपकी ऐसी सोच होनी चाहिए कि आपको खुद को साबित करना है। मोदी ने आईएएस अफसरों से कहा कि आप बदलाव लाना चाहते हैं, लेकिन यहां ऐसे अधिकारी भी है जो परंपराओं में फंसे हुए हैं, वे आपको रोकने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए आपके पास बदलाव लाने के लिए 10 साल हैं। उसके बाद आप भी महज फाइलों को इधर-उधर करने में लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि जो यहां लंबे समय से हैं, उनके साथ कई बार आप अहं के टकराव में फंस सकते हैं। क्योंकि आपके पास सपने हैं लेकिन वे यहां बंधी-बधाई परंपराओं के साथ लंबे समय से जमे हुए हैं। इसलिए आपको इतना पसीना बहाना चाहिए कि साथियों को लगना चाहिए कि ये अफसर ऐसा हो जो खुद मेहनत करता है।
मोदी ने कहा, आप अगले दस सालों तक देश के हरेक पांचवे जिले का कामकाज देखेंगे। आप चाहे तो इस देश की किस्मत बदल सकते हैं। अगर आपने अच्छा काम किया तो अगले दस सालों में इस देश के हर पांचवे जिले की किस्मत बदल जाएगी। आपको उन वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए, जिन्होने उन जिलों में पहले काम किया। आपको उनके अनुभव से सीख लेनी चाहिए। उनके पास कई ऐसे विचार और अनुभव होंगे जिसे वे अपने समय में लागू नहीं कर पाए। इसलिए आप उनके अनुभवों से लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि आप ऐसा बिल्कुल मत सोचें कि देश में बदलाव लाने से आपके सामने कोई बाधा आएगी। हमें यह समझना होगा कि सरकार को तभी मजबूती मिलेगी जब समाज मजबूत हो। सरकार और समाज के बीच जो खाई है उसे पाटने की जिम्मेदारी केवल नेताओं की नहीं है। अगर आप समाज से सीधे जुड़ेंगे तो आप देखेंगे कि इससे आपको कितनी ताकत मिलती है।