पीएम मोदी बोले: विपक्ष नहीं देता बोलने

narendra-modi-in-faridabadअहमदाबाद (एएनआई)। प्रधानमंत्री ने शनिवार को गुजरात के डीसा मेंं एक दुग्ध प्लांट के उद्घाटन अवसर पर दिए संबोधन में विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं देते हैं। इसलिए ही वह जनसभा में बोलकर अपना पक्ष रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब वक्त आएगा और मौका मिलेगा तो वह लोकसभा में भी विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हैसियत से नहीं आए हैं बल्कि इस मिट्टी की संतान बनकर आए हैं। अपने भाषण में उन्होंने कैशलेेस सिस्टम अपनाने की भी अपील की।
अपने संबोंंधन में उन्होंने सभी से ई-वैलेट का इस्तेमाल करने मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि अब वक्त है जब बैंकों की लाइन में नहीं लगा जाए बल्कि बैंक आपने मोबाइल की लाइन में खड़ा होगा। अब बटन दबाते ही आपकी पैमेंट हो जाती है। अब चैक और कैश के दिन लद गए हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई भ्रष्टाचार से लडऩे की है। यह देश को बदलने और कालेधन वालों को जेल की सलाखों के पीछे डालने की है, जिसमें हम जरूर कामयाब होंगे। पीएम ने कहा कि कैश के पहाड़ों ने देश के अर्थ तंत्र को बर्बाद कर दिया है, अब इससे बचना होगा और इससे निकलना होगा।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद से छोटे नोटों की अहमियत बढ़ गई है। हर कोई छोटे नोट लेना चाहता है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सदन को शोर-शराबा कर चलने नहीं दे रहे हैं। इससे खफा होकर राष्ट्रपति ने भी सभी सांसदों को इसके लिए चेताया था। उन्होंने सदन में हो रहे शोर-शराबे पर कड़ी नाराजगी जताई थी। उन्होंने एक बार नोटबंदी केे चलते लोगों को 50 दिनों तक दिक्कत झेलने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार से लडऩे का निर्णायक कदम है।
इस घोषणा के बाद कालेधन वालों पर शिकंजा कसा है। भ्रष्टाचारियों को नहीं पता था कि मोदी ने सभी पिछले दरवाजों पर कैमरे नहीं है। उन्होंने एक बार फिर से साफ कर दिया कि आठ नवंबर के बाद से जिन्होंने बेतहाशा धन खातों में जमा कराया है वह बचने वाले नहीं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आप लोगों का इंतजार रंग जरूर लाएगा।
उन्होंने इस मौके पर यहां पर दूध का उत्पादन शुरू करने वाले जलवाभाई की भी जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उनका ही लगाया पौधा आज बढ़कर बरगद का पेड़ बन गया है जिससे हजारों हाथों को काम मिल रहा है। उन्हेांने यह भी कहा कि पहले जब यहां से लोग दूसरे प्रदेशों में जाकर व्यवसाए करते थे तो उनमें से ज्यादातर कच्छ जैसे इलाकों से होते थे। लेकिन उन्होंने वहां पर कामयाबी के झंडे गाड़े। उन्होंने कहा कि जब नर्मदा इस धरती को छुएगी तो यहां पर भी विकास की लहर दौड़ जाएगी।