बदल गया आरएसएस का 90 साल पुराना चोला

rss-joshiनई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ड्रेस में बदलाव को लेकर आ रही खबरों पर अब विराम लग गया है। आरएसएस के महासचिव भैय्या जी जोशी ने आज मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अब खाकी हाफ पैंट की जगह भूरे रंग की फुल पैंट लेगी। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान सिर्फ हमारे निकर से नहीं है और ड्रेस चुनने का कोई विशेष कारण नहीं है। वहीं आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए भैय्याजी जोशी ने कहा कि आरक्षण पर विचार करने की जरूरत है, जाति आधारित आरक्षण सही नहीं है। जेएनयू के एक सवाल के जवाब में भैय्या जी जोशी ने कहा कि इस पर कानून अपना काम करेगा। जेएनयू की घटना राजनीति का विषय नहीं है, देश की अखंडता के लिए सभी को खड़ा होना चाहिए। गौरतलब है कि कई दशकों से ढीली खाकी हाफपैंट संघ की खास पहचान रही है। संघ का एक बड़ा वर्ग चाहता था कि इसे बदला जाए, हालांकि कुछ पुराने कार्यकर्ताओं का अब भी यही कहना था कि फैशन के साथ बदलने की कोई आवश्यकता नहीं।
बड़ी संख्या में सुझाव दिए गए थे कि खाकी के स्थान पर नीली या भूरे रंग की पैंट को पहनावे में शामिल किया जाना चाहिए ताकि नई पीढ़ी की भावनाओं को भी सम्मान मिले जो अब संघ की शाखाओं में बड़ी संख्या में आ रहे हैं। पहनावे में बदलाव के लिए संघ के पिछले वर्ष हुए वार्षिक सम्मेलन में भी चर्चा हुई थी। आरएसएस अपने आईटी प्रोफेशनल सदस्यों को शाखाओं में फुल पैंट पहनने की अनुमति पहले ही दे चुका है।