बसपा नेताओं को शेफ पैसेज देने में जुटी है सपा: बाजपेयी

laxmi bjpलखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोकायुक्त के चयन को असाधारण निर्णय करार देते हुए कहा कि विधानसभा के नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष के कार्य गुजारी के कारण विधायिका का न भूतो न भविष्यशत अपमान हुआ है, संवैधानिक संकट खड़ा हुआ। डा. बाजपेयी ने राज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि सरकार को बर्खास्त कराये।
डा. बाजपेयी ने कहा कि लगातार एक वर्ष से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर समय-समय पर निर्देश देता रहा लेकिन नेता सदन ने विधानसभा में बहुमत से मदान्ध होकर लोकायुक्त अधिनियम 1975 में परिवर्तन लाकर संसोधन किया संशोधन के दौरान बहुजन समाजवादी पार्टी की मौन सहमति रही, स्पष्ट है दोनों ही दल दोनों ही नेता की यूपी से भ्रष्टाचार को समाप्त करने की रूचि नहीं हैं।
डा. बाजपेयी ने अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्या पर सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर सपा-बसपा का समझौता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान लोकायुक्त की बसपा सरकार के समय के मंत्रियों और अधिकारियों के विरूद्ध जांच की संतुतियां मुख्यमंत्री कार्यालय में तीन साल से लम्बित है कोई कार्यवाही नहीं हो रही और नहीं तो यह सरकार आरोप में फंसे बसपा नेताओं को शेफ पैसेज देने में जुटी है।
डा. बाजपेयी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का लोकायुक्त की नियुक्ति का यह आसाधारण कदम है उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 1984 में वाराणसी के दोषीपुरा कब्र विवाद में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अवमानना की याचिका पर कहा था जो सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन नहीं करा पा रही उसे सरकार चलाने का हक नहीं है। तीन दिन पहले का आदेश मुख्य न्यायधीश द्वारा पर्याप्त समय देने के बावजूद दोनों दलों के नेताओं द्वारा नाम तय करने में हिला-हवाली बरती गयी। विधायिका को अपमान झेलना पड़ा।
डा. बाजपेयी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को यह आसाधारण निर्णय विधायिका के अस्तित्व में रहते देना पड़ा, ऐसी परिस्थिति में सरकार के अस्तित्व पर प्रश्न खड़े हुए उन्होनें कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव देखे की उनके प्रदेश अध्यक्ष क्या कर रहे है और बसपा प्रमुख मायावती जी भी देखे कि उनके नेता का क्या व्यवहार हैं। उन्होंने इन परिस्थितियों में राज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार को बर्खास्त करें।