बिट्रेन में बढ़ती लैड संस्कृति: छात्राओं की कैंपस लाइफ मुहाल

rape and harreshment
नेशनल डेस्क। अगर आप छात्रा हैं और शिक्षा के लिए ब्रिटेन के किसी विश्वविद्यालय में जाने का विचार कर रही हैं तो पहले खुद को लैड संस्कृति के लिए तैयार कर लें। भारत में छेड़छाड़ के समान ही ब्रिटेन में लैड कल्चर है, जिसने छात्राओं के लिए कैम्पस जीवन को बेहद कठिन बना दिया है। खासतौर पर नई छात्राएं यौन उत्पीडऩ और हिंसा के कई मामलों की शिकायत करती हैं। लैड संस्कृति को छात्र जीवन में एक विशेष लिंग को प्रोत्साहित करने के तौर पर परभिाषित किया जाता है। ब्रिटिश नेशनल यूनियन ऑफ स्टूडेंट्स (एनएसयू) द्वारा किए गए नवीनतम सर्वे में यह बात सामने आई कि ब्रिटिश विश्वविद्यालय लैड कल्चर का मुकाबला करने में असफल साबित हो रहे हैं। 10 में से केवल एक शिक्षण संस्थान ही नई छात्राओं के स्वागत में इससे जुड़ी नीतियां लागू कर पाते हैं। गार्डियन द्वारा जारी एनएसयू सर्वे के निष्कर्ष के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में कैम्पस में लैड संस्कृति के फिर बढऩे और कैम्पस में अप्रिय घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसके चलते ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रमुख ने छेड़छाड़ और यौन हिंसा के अभूतपूर्व पैमाने पर बढऩे के प्रति चेतावनी दी है। 2,000 से अधिक छात्रों और छात्राओं पर किए गए एनयूएस के एक अन्य सर्वेक्षण में, लगभग एक तिहाई प्रतिभागियों (37 फीसदी महिलाओं) ने कहा कि वे अपने शरीर के लिए अप्रिय यौन टिप्प्णियां बर्दाश्त करते हैं। एनयूएस सर्वे के मुताबिक, लगभग 75 फीसदी छात्र यूनिलैड और लैड बाइबल जैसे ऑनलाइन समुदायों से वाकिफ हैं और दो-तिहाई छात्राएं मानती हैं कि ये महिलाओं की गलत छवि पेश करती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई विश्वविद्यालय, पहले पीडि़त को ही मामले को सुलझाने को कहते हैं। बढ़ती लैड संस्कृति ने सरकार को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है और सरकार ने इस पर लगाम लगाने के लिए टास्क फोर्स गठित करने का फैसला किया है। शरद सत्र में इसके शुरू होने की अपेक्षा की जा रही है। देश के कुलपितयों को संबोधित, विश्वविद्यालयों को लिखे एक पत्र में, व्यापार सचिव साजिद जाविद ने टास्क फोर्स के गठन का निर्देश दिया। जाविद ने लिखा कि यह टास्क फोर्स सुनिश्चित करेगी कि विश्वविद्यालयों के पास छात्राओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की योजना हो। विश्वविद्यालय मंत्री जो जोनसन ने कहा कि टास्क फोर्स सुनिश्चित करेगी कि अपनी कानूनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए विश्वविद्यालय जो संभव हो वह करें। एनएसयू की महिला अधिकारी सुसुआना अमोह ने एक स्वतंत्र रपट में कहा कि हम चाहते हैं कि शिक्षा समुदाय एनएसयू और छात्र संघ के काम में सहयोग करें और छात्रों को लैड संस्कृति को चुनौती देने में सहयोग दें।