बिहार के 7वीं बार सीएम बनेंगे नीतीश

पटना। बिहार चुनाव 2020 में सफलता के बाद नीतीश कुमार आज यानी सोमवार को कुछ देर बाद ही सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। दो दशक में मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका सातवां शपथ ग्रहण समारोह होगा। जानें उनके सात दिन से लेकर 7वीं बार अबतक सीएम का सफर।नीतीश कुमार पहली बार तीन मार्च 2000 को मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बहुमत नहीं जुट पाने के कारण उनकी सरकार सिर्फ सात दिन में गिर गई थी। राजद की सरकार को अपदस्थ कर नीतीश कुमार पूर्ण बहुमत के साथ लौटे और उन्होंने दूसरी बार 24 नवंबर 2005 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एनडीए (जदयू-भाजपा) की इस सरकार ने अपना पूरा कार्यकाल पूर्ण किया। इतना ही नहीं, 2010 में एनडीए की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ लौटी। तब एनडीए को 206 सीटें मिलीं। जदयू 115 जबकि भाजपा 91 सीटों पर जीतकर आयी थी। मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को शपथ लेकर यह दायित्व निभाया। हालांकि यह कार्यकाल एनडीए की एकता के लिहाज से अच्छा नहीं रहा। वह एनडीए से अलग हो गए और सदन में बहुमत साबित कर बतौर मुख्यमंत्री बिहार के शासन की बागडोर संभाले रहे। 2014 में जदयू अकेले लोकसभा चुनाव में गया और जदयू की बड़ी हार के कारण नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जीतनराम मांझी को अपना उत्तराधिकारी बनाया। पार्टी के नेताओं और विधायक दल के दबाव पर नीतीश कुमार ने चौथी बार 22 फरवरी 2015 को फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2015 के चुनाव में जदयू महागठबंधन बनाकर राजद और कांग्रेस के साथ चुनाव में उतरा। नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन को 178 सीटों के साथ जनता ने सत्ता सौंपी। पांचवीं बार नीतीश कुमार 20 नवंबर 2015 को बिहार के मुख्यमंत्री बने। लेकिन कई मुद्दों पर राजद से मतभेद पनपने के कारण नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया। भाजपा फिर नीतीश कुमार के साथ आ गयी और एनडीए की सरकार के नेता के रूप में नीतीश कुमार ने छठी बार बतौर सीएम 27 जुलाई 2017 को बिहार की कमान संभाली। अब फिर नीतीश कुमार एनडीए विधायक दल के नेता चुने गए हैं। और आज सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।