बीजेपी का आरोप: किसान विपदा में, सरकार कर रही है मौज

bjp-logoलखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि किसान विपदा से टूटे पड़े है सरकार सैफई जश्न में मशगूल है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मौज-मस्ती में जुटी अखिलेश सरकार सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि से किसानों को दी जाने वाली राहत की रकम का एक तिहाई हिस्सा दबाये बैठी है।
सोमवार को प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राजनैतिक ऐजेण्डे के तहत मुआवजों पर केन्द्र सरकार कटघरे में खड़ा करती अखिलेश सरकार मुआवजा धनराशि का वितरण तो करे। जो समाचार आ रहे है उसके अनुसार विभिन्न मदो की 1094.73 करोड़ रूपये खजाने से निकाले गये किन्तु वे बंटे की नहीं बंटे यह जानकारी तक सरकार के पास नहीं है। वहीं लगभग 581.70 करोड़ रूपये खजाने से निकाले ही नहीं गये। भ्रमित अखिलेश सरकार राज्य में काम-काज का बेहतर माहौल न बना पाने के कारण पहले से ही स्वीकृत बजट का अधिकांश हिस्सा खर्च न कर पाने की आरोपी हैं। एक बार फिर यह आंकड़ा सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया कि सरकार की रूचि समाधान की बजाय मौज-मस्ती में है।
उन्होने कहा कि अखिलेश सरकार के अधिकारी योजनाओं का सच जानने के लिए गांव में जाने की बात कर रहे है किन्तु जो सूचनाऐं और जानकारियां उनकी फाइलों में है उनके समाधान के प्रयास भी तो कर ले। किसान वर्ष मना रही अखिलेश सरकार में अब तक गन्नें का एसएपी (स्टेट एडवाइजरी प्राइस) घोषित नही कर पायी कितना र्दुभाग्य है राज्य के किसानों का कि वे अपने गन्ने की फसल तो बेच तो रहे है किन्तु उन्हें उसका दाम क्या मिलेगा पता नहीं। गेहूॅ, धान और गन्ने के लिए अलग से समिति बनाकर दाम निर्धारित करने का चुनावी घोषणा पत्र में वादा करने वाली समाजवादी पार्टी की नीतियों के कारण राज्य में लगातार बुआई का रकबा भी घट रहा है।