बैलेट, बुलेट और अच्छे दिन

bullet-trainमनोज लिमये। सारा देश इस समय दिल्ली की ओर देख रहा है और दिल्ली जापान का मुंह ताक रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे यदि ये बुलेट ट्रेन नहीं मिली तो हमारे अच्छे दिन बुलेट गति से विलुप्त हो जाएंगे। माननीय द्वारा अनवरत किये गए विदेशी दौरों का प्रतिफल अब हमसे अधिक दूरी पर नहीं है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में चिरकाल से चले आ रहे चुनावों में हमने बैलेट से अधिक बुलेट की चर्चा सुनी है। बाज़ार में सुस्त गति से गतिमान स्कूटरों के सामने से जब भी कोई बुलेट लेकर गुजरता है तो वो मध्यवर्गी लोगों को हीनता का एहसास करा कर ही निकला है।
बुलेट ट्रेन की कार्ययोजना भले ही विलम्ब का विषय हो किन्तु माह अंत में आने वाली बच्चों की छुट्टियां शाश्वत सत्य था। छुट्टियों का आनंद लेने तथा पारिवारिक दबाव के चलते अपनी भी बाहर घूमने जाने की योजना निर्मित हुई है। रेलवे की आरक्षण सम्बन्धी वेबसाइट को जैसे ही मैंने खोलने का प्रयास किया तो वो भारतीय रेल की तजऱ् पर विलम्ब से खुली। मन ही मन मैंने मन की बात करते हुए बुलेट ट्रेन के आने में हो रहे विलम्ब को कोसा तथा एजेंट से संपर्क कर योजना को अंजाम देने का निश्चय किया।
एजेंट के पास लोगों को हुजूम था। अचानक मालवी जी का चिरपरिचित हाथ मेरे कंधे पर आया। वे बोले-और जनाब बुलेट ट्रेन के आने का रास्ता गंगा आरती से निकल रहा है। मैंने तल्खी वाले स्वर में कहा-मतलब! देश को तरक्की की राह पर ले जाने के सद्प्रयास जारी हैं। बुलेट ट्रेन तो निमित्त मात्र है श्रीमान। वे उलाहना देते हुए बोले-अपना रेल यातायात तो सुधर नहीं रहा है इनसे। कभी ट्रेनें एक-दूसरे का आलिंगन करती रहती हैं और महोदय समय पर चलना तो जैसे सदियों में एक दफा घटित होने वाली घटना है अपनी रेलों के लिए।
मैंने कहा-हर बात को शक के चश्मे से देखने की आदत हो गई है आपको। दोष आपका भी नहीं है। पिछले साठ बरस में जो कुछ हुआ है, उस अनुसार आपका प्रगति के दावों पर शक करना लाजिमी है। वे बोले-देश की बुनियादी समस्याओं पर ध्यान देना अधिक ज़रूरी है या बुलेट ट्रेन अधिक महत्वपूर्ण है, ये बताइये आप तो? मैंने सुरक्षात्मक रवैया अपनाते हुए कहा-देखिये जनाब बुनियादी ढांचे में सुधार और नई तकनीक का स्वागत, प्रगति के लिए दोनों ही ज़रूरी आयाम हैं। मेरे द्वारा की गई इस टेलीविजनी समीक्षा से वे बैकफुट पर चले गए। एजेंट के पास भीड़ कम हो गई थी। मैंने उनसे विदा ली और आरक्षण की स्थिति जानने में व्यस्त हो गया।