भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अनिल यादव की नियुक्ति पर लगाया प्रश्नचिन्ह

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बुधवार को प्रेसवात्र्ता कर लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर डा. अनिल यादव सूची में 83वें स्थान पर थे वैज्ञानिक, प्रोफेसर, आईएएस व आईपीएस की अनदेखी कर नियुक्ति पर सवालिया प्रश्नचिन्ह लगाया। उन्होंने डा. अनिल यादव की नियुक्ति में शासन द्वारा इनकी अपराधिक पृष्ठभूमि को छिपाया गया जबकि उनके उनपर विभिन्न थानों में अनेक संगीन आरोप दर्ज है। डा. अनिल यादव को 31 मार्च 2013 को नियुक्ति के समय प्रधानाचार्य चित्रगुप्त महाविद्यालय मैनपुरी दिखाया गया जबकि मा. उच्चन्यायालय ने इनकी नियुक्ति को 6 अगस्त 2005 अवैध घोषित किया था। डा. अनिल यादव ने अपना चरित्र प्रमाण पत्र एक दिन में ही बनवाया रहने वाले आगरा के चरित्र प्रमाण पत्र मैनपुरी से जारी हुआ। अरजेन्सी में नियुक्ति के लिए आयोग के किसी सदस्य की नियुक्ति का प्रावधान है जबकि प्रदेश के कार्मिक विभाग नें 31 मार्च 2013 को ही डा. यादव की नियुक्ति की तथा जिलाधिकारी मैनपुरी को 31 मार्च की ही इनके चरित्र प्रमाण पत्र सम्बंधी पत्र जारी करने के लिए कहा गया। पीसीएस के लिए साक्षात्कार में बुलाए गये 1327 अभ्यार्थी में से 54 यादव थे जिनमें 53 को साक्षात्कार में 135 से 141 अंक तक प्रदान किये गये। वहीं सामान्य वर्ग के प्रतियोगियों को 110, अनुसूचित वर्ग के प्रतियोगियों को 105 अंक दिये गये। प्रतियोगी परीक्षा में साक्षात्कार में न्यूनतम 40 और अधिकतम 70 प्रतिशत अंक ही दिये जा सकते है। उपरोक्त के अतिरिक्त सीधी परीक्षा के कुल 23 परिणाम घोषित किए गये ओबीसी के लिए कुल 120 सीटे आरक्षित थी, जब कि 188 प्रतियोगी एक विशेष जाति से चयनित किए गये जो कुल ओबीसी सीटो का 156 है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता की पुत्र वधू को विशेष लाभ देने के लिए पीसीएस 2013 के परीक्षा केन्द्र को कुछ घंटे पहले इलाहाबाद से गाजियाबाद के शम्भू दयाल इण्टर कालेज में स्थानान्तरित कराने का आदेश दिया। ताकि उन्हें परीक्षा का अनुचित लाभ मिल सके। ऋचा अहलूवालिया नाम की यह अभ्यार्थी परीक्षा के समय उ.प्र. की निवासी नहीं थी।