भूमि पूजन की तिथि अशुभ: कई संतों ने जताया विरोध

वाराणसी। अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होना है। वाराणसी के कई संतों का कहना है कि यह मुहूर्त भूमि पूजन के लिए सही नहीं है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और सुमेरु पीठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद महाराज ने भी 5 जून की तारीख को गलत बताया है। इन संतों ने खुलकर 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन का विरोध किया है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ये लोग अपनी सुविधा के अनुसार सबकुछ कर रहे हैं। अगस्त के महीने में भूमि पूजन के लिए शुभ मुहूर्त है ही नहीं। अगर भूमि पूजन शास्त्रों के मुताबिक नहीं होता है तो इसके नकारात्मक परिणाम होंगे। वहीं, नरेंद्रानंद महाराज ने कहा कि राम जन्मभूमि का भूमि पूजन 5 नवंबर 1990 को ही विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस के सदस्यों और अन्य संतों की मौजूदगी में हो चुका है।
इससे पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने 5 अगस्त को भूमि पूजन का विरोध करते हुए कहा था कि यह काम शुभ मुहूर्त में होना चाहिए। उन्होंने कहा, हमें ना तो कोई पद चाहिए, ना ही हम राम मंदिर के ट्रस्टी बनना चाहते हैं। हम सिर्फ इतना चाहते हैं मंदिर ठीक से बनना चाहिए और उसकी नींव भी सही समय पर पर रखी जानी चाहिए। यह अशुभ घड़ी है।