मंत्री राजभर बोले: मोदी-योगी का गुलाम नहीं

विशेष संवाददाता, लखनऊ। बगावत का झंडा उठाने वाले योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ को साफ शब्दों में कह दिया है कि वे मलाई खाने नहीं आये हैं और वे न ही किसी के गुलाम हैं। योगी मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग विभाग का मंत्रालय छोडऩे से पहले गुरुवार को राजभर ने लोकभवन में यह बात कही। उनका यह वीडियो वायरल हो चुका है। फिर भी योगी ने उन्हें दिव्यांग मंत्रालय का प्रभार सौंपा है। राजभर के इसी बगावती के बीच ही उनके निजी सचिव रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गये थे। वे अब कांग्रेस से दोस्ती करने के लिए व्याकुल हैं।
उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि वह अपने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लौटा दिया। राजभर ने कहा कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए 28 लोगों की सूची प्रस्तावित की थी। उन्हें जानकारी मिली है कि उनमें से 27 लोगों की उपेक्षा कर दी गयी। आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों पर मनमाने ढंग से नियुक्ति कर दी गयी। ऐसे में मंत्री बने रहने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि वह पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री योगी को लौटा दिया। हालांकि दिव्यांग कल्याण महकमे की जिम्मेदारी वह अपने पास रखेंगे।
सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने कहा कि सरकार ने सामाजिक न्याय समिति की पिछली मई में दी गयी सिफारिशों को अब तक लागू नहीं किया है और ना ही लागू करने की उसकी कोई मंशा नजर आती है। उन्होंने कहा कि समिति ने पिछड़े वर्गों को पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा की श्रेणियों में बांटने की सिफारिश की थी। प्रदेश में पिछड़े वर्ग की आबादी 44 प्रतिशत है। राजभर ने भाजपा को पहले ही अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर वह पिछड़ों के आरक्षण में कोटे की व्यवस्था नहीं करेगी तो 24 फरवरी को उनकी पार्टी भाजपा का साथ छोड़ देगी। प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायक हैं।