माया और ओवैसी की चुनाव में होगी गलबहियां

maya-ovaisi

योगेश श्रीवास्तव,
लखनऊ । बिहार चुनाव में बाद उत्तर प्रदेश में भी अब विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन की चर्चाएं जोर पकडऩे लगी हैं। उत्तर प्रदेश में गठबंधन की बात हो रही है तो बसपा और असदुद्दीन ओवैसी की एमआईएम पार्टी की। इन दलों के नेताओं के बीच बढ़ रही नजदीकियों के कारण यहां तक कहा जा रहा है कि बातचीत हो गई है केवल गठबंधन की घोषणा बाकी रह गई है, हालांकि इस बारे में दोनो में से अभी किसी पार्टी ने इस संदर्भ में आधिकारिक घोषणा नही की है।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली जीत के बाद अब माना जा रहा है कि निकट भविष्य में होने वाले चुनावों में ऐसे ही गठबंधन प्रकाश में आएंगे और नतीजों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे। जहां तक बात उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य की जाए तो मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के मुस्लिम धुर्वीकरण को तोडऩे के लिए मायावती हर कोशिश करने के लिए तैयार हैं। सूत्रों का कहना है कि बसपा एमआईएम के साथ गठजोड़ को लेकर खासी उत्साहित है। अगर ऐसा हुआ तो कई सीटों पर दलित मुस्लिम वोट मिलकर प्रदेश में नयी सरकार के गठन का समीकरण बदल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों गुप्त रूप से इस नए गठबंधन की जानकारी दे दी है। हालांकि गठबंधन तय होने से कुछ दिन पहले ही बसपा ने प्रदेश की कई सीटों पर अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए थे।
सूत्रों के अनुसार गठबंधन की रूप रेखा तैयार होने के बाद ही एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में करीब 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाता चुनाव का रुख तय करते हैं। अकेले पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करीब 20 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाता ही हार जीत तय करते हैं वहीं बसपा से गठजोड़ होने पर मुस्लिम और अनुसूचित जाति-जनजातियों के मतदाताओं के ध्रुवीकरण से कई राजनैतिक दलों के समीकरण बिगड़ सकते हैं।