मिसाल: बारमेड़ में हिंदू रखते हैं रोजा, मुस्लिम मनाते हैं दीवाली

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जैसलमेर (आरएनएस)। राजनीतिक बयानबाजियों में आपने जात-पात या धर्म के नाम पर आपने नेताओं और राजनीतिक पार्टियों को एक दूसरे को जमकर कोसते सुना होगा। उनके भाषणों से लगता है कि देश में ना जाने कैसा माहौल बन गया है जहां धर्म विशेष के लोगों के लिए असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है लेकिन हकीकत इस भ्रम से कोसो दूर है और ऐसे कई उदाहरण आज भी हमारे सामने आ जाते हैं जिससे साफ हो जाता है कि भारतीय समाज आज भी भारत की गौरवशाली गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखे हुए है। हिंदु-मुस्लिम-भाई-भाई की हमारी संमृद्ध परंपरा का एक बहुत ही खूबसूरत उदाहरण फिर एक बार हमारे सामने है। दरअसल राजस्थान के जिला जैसलमेर में एक छोटी सी जगह है बारमेड़ जहां हिंदु मुस्लिम एकता पूरे देश के लिए अनूठी मिसाल बन गई है। यहां हिंदु रोजे रखते हैं और मुस्लिम दीवाली मनाते हैं, भजन गाते हैं, भगवान गणेश की पूजा करते हैं और हिंदुओं के सभी त्योहारों में बढ़चढ़कर हिस्सा भी लेते हैं। इस इलाके में कई ऐसे हिंदु परिवार हैं जो नमाज भी पढ़ते हैं। कई तो ऐसे भी हैं जो पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं। दिलचस्प बात ये है कि इनमें से किसी को नहीं पता हि ये सब उनके समाज में कैसे आया। दरअसल बटवारे के समय सिंध से कई हिंदु परिवार भारत आ गए थे और उस दौरान सिर्फ जमीन का ही बटवारा नहीं हुआ बल्कि सभ्याताओं का भी बटवारा हुआ। इस इलाके में रहने वाले लोगों की भाषा, पहनावा और रहन सहन देखकर आप बिलकुल भी अंदाजा नहीं लगा पाएंगे कि कौन हिंदु है और कौन मुसलमान। इनके बीच आपस में एक दूसरे के लिए गहरा प्यार और सम्मान है।