मुबंई में बस हड़ताल : सडक़ों पर कदमताल

 

मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सडक़ परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की हड़ताल की वजह से आम लोगों को बेहद मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। एमएसआरटीसी की बसों से रोजाना औसतन 65 लाख यात्री सफर करते हैं। त्योहारों के मौके पर यह तादाद बढ़ जाती है। ऐसे में इन लोगों का हाल बेहाल है।
खासकर दिवाली के वक्त हड़ताल से ग्रामीण इलाकों में जाने वाले यात्रियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को गांव जाने के लिए दुगुना-तिगुना किराया देना पड़ रहा है। आज हड़ताल का तीसरा दिन है और बस डिपो में सन्नाटा छाया हुआ है। कतार में बसें खड़ी हैं और कर्मचारी भी नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में सबसे अधिक दिक्कतें उन लोगों को झेलनी पड़ रही हैं, जिन्हें घर जाना है। बसें ना मिलने से ट्रेनों में भारी भीड़ है।हड़ताल के दूसरे दिन (बुधवार) भी करीब सवा लाख कर्मचारी काम पर नहीं आए जिससे 60 लाख से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। हड़ताल खत्म करने के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत लगा दी लेकिन उसे सफलता हाथ नहीं लगी। सरकार ने कर्मचारियों को धमकी देते हुए कहा कि बुधवार की रात 12 बजे तक काम पर वापस नहीं लौटे, तो उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनकी जगह ठेके पर कर्मचारियों को रख लिया जाएगा।गौरतलब है कि राज्य में 1.2 लाख एसटी कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है, जिससे 17,500 गाडिय़ां डिपो से बाहर नहीं निकली। इससे प्रतिदिन 65 लाख यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के मुद्दे पर परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की।